ट्रम्प प्रशासन ने बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को निर्वासित करने के अपने दृढ़ संकल्प को पूरा करने के लिए सैन्य विमानों का उपयोग शुरू कर दिया है। लेकिन, एएफपी विश्लेषण के अनुसार, सैन्य उड़ानें बहुत महंगी हैं। भारत में हाल ही में निर्वासन के मामले में एक उड़ान की लागत 1 मिलियन डॉलर तक जा पहुंची है। आंकड़ों से पता चलता है कि वास्तव में सैन्य उड़ानों की लागत नागरिक यात्रा की तुलना में तीन गुना से भी अधिक हो सकती है।
राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को 'अमेरिका के इतिहास में' सबसे बड़ा निर्वासन करने के वादे पर चुना गया था जबकि निष्कासन के लिए लक्षित किए जा रहे अधिकांश प्रवासी लैटिन अमेरिका से आते हैं। कुछ को दुनिया भर में कहीं और भी वापस भेजा जा रहा है।
अमेरिकी सरकार के एक बयान के अनुसार 5 फरवरी को अमेरिकी वायु सेना का एक मालवाहक विमान 104 भारतीय नागरिकों को लेकर भारत के अमृतसर शहर में उतरा था। ये भारतीय अवैध रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश कर गए थे। माना जाता है कि यह उड़ान लोगों को भारत भेजने के लिए किसी सैन्य विमान का पहला प्रयोग है।
एएफपी फोटोग्राफर द्वारा खींची गई तस्वीरों से पता चलता है कि इस्तेमाल किया गया विमान सी-17ए ग्लोबमास्टर III है। यह एक बड़ा सैन्य विमान है जो सैनिकों, वाहनों और आपूर्ति के परिवहन में काम आता है। ग्लोबमास्टर अमेरिकी वायु सेना का एक वर्कहॉर्स है और 1995 में पहली बार बेड़े में शामिल किए जाने के बाद से इसका उपयोग दुनिया भर के सैन्य क्रिया-कलापों में किया जाता रहा है।
लेकिन सैन्य उड़ानों को संचालित करना चार्टर उड़ानों की तुलना में बहुत अधिक महंगा है। इनका उपयोग आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) द्वारा निर्वासन के लिए भी किया जाता है। वर्ष 2021 में ICE द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार एक चार्टर उड़ान की लागत प्रति उड़ान घंटे 8,577 डॉलर है, हालांकि उच्च जोखिम वाले प्रवासियों को ले जाने वाली उड़ानों की लागत अधिक हो सकती है।
यूएस एयर मोबिलिटी कमांड द्वारा प्रकाशित दस्तावेजों के अनुसार परिवहन संचालन में सी-17 विमान के उपयोग पर 28,562 डॉलर प्रति घंटे का शुल्क लिया जाता है। सैन्य उड़ानें किसी अन्य संप्रभु राष्ट्र के हवाई क्षेत्र में संचालन की संवेदनशीलता के कारण, वाणिज्यिक विमानों से अलग उड़ान पथ भी अपनाती हैं। वे आम तौर पर वाणिज्यिक केंद्रों के बजाय सैन्य हवाई अड्डों पर ईंधन भरती हैं।
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