नई दिल्ली में सरकार और उद्योग से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि भारत मुख्य रूप से अमेरिका से आयातित कुछ कृषि और अन्य वस्तुओं पर टैरिफ में कटौती की पेशकश करने की तैयारी कर रहा है, इसका लक्ष्य निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यभार संभालने के बाद एक व्यापक व्यापार और निवेश सौदा हासिल करना है। दरअसल, ट्रम्प ने हाल ही में कहा था कि भारत अमेरिका के कुछ उत्पादों पर काफी ज्यादा शुल्क लगाता है और उन्होंने एक बार फिर इसके बदले में भारतीय उत्पादों पर इसी तरह ज्यादा शुल्क लगाने की बात कही थी।
ट्रम्प ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘आम तौर पर देखा जाता है कि अगर वे हम पर शुल्क लगाते हैं तो हम भी उन पर उतना ही शुल्क लगाते हैं। लगभग सभी मामलों में वे हम पर शुल्क लगा रहे हैं, जबकि हम उन पर शुल्क नहीं लगा रहे हैं।’’
टैक्स बढ़ाने की धमकी पर बीच का रास्ता
इस बीच भारत में एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा कि उच्च टैरिफ के लिए भारतीय वस्तुओं पर "पारस्परिक कर" की ट्रम्प की धमकी से निपटने के लिए भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के कुछ अधिकारी कुछ उत्पादों पर कटौती पर विचार करने के लिए तैयार हैं। वर्तमान में भारत पोर्क पर लगभग 45% आयात शुल्क लगाता है, जिसकी आपूर्ति ज्यादातर यूएस द्वारा की जाती है। व्यापार मुद्दों की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक दूसरे अधिकारी ने इन उत्पादों पर 25% से 60% टैरिफ का हवाला देते हुए कहा, हार्ले डेविडसन सहित पेस मेकर और लक्जरी मोटर-साइकिल जैसे उच्च-स्तरीय चिकित्सा उपकरणों पर भी टैरिफ कम किया जा सकता है।
पिछले साल 118 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार
मार्च में समाप्त होने वाले 2023/24 वित्तीय वर्ष में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 118 अरब डॉलर से अधिक का रहा। भारत व्यापक व्यापार और निवेश हासिल करने के लक्ष्य के साथ अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता के लिए तैयार है। एक अधिकारी ने कहा कि व्यापार असंतुलन पर ट्रम्प की चिंताओं को दूर करने के लिए, अधिकारियों ने अमेरिका से अधिक एलएनजी और रक्षा उपकरण खरीदने का भी प्रस्ताव दिया है।
वित्त वर्ष 2024 में कच्चे तेल, ईंधन और कोयले सहित अमेरिका से भारत का ऊर्जा आयात 12 बिलियन डॉलर और विमान और पार्ट्स 2 बिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया गया था। एक तीसरे सरकारी सूत्र ने कहा कि इस तरह का आयात सालाना 5 अरब डॉलर से 10 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है।
भारत और अमेरिका दोनों को फायदा
गौरतलब है कि भारत के अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते की बात तब सामने आई है जब अमेरिका ने चीनी सामानों पर 60 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। नई दरें 1 जनवरी 2025 से लागू हो सकती हैं। सरकारी सलाहकार और राज्य संचालित नीति थिंक टैंक नीति आयोग के सदस्य अरविंद विरमानी ने कहा, "यह एक अवसर है।" उन्होंने कहा, "यह अमेरिका और भारत के हित में है कि अधिक महत्वपूर्ण विनिर्माण या संवेदनशील विनिर्माण चीन के बजाय भारत में किया जाए।" कहा कि लघु व्यापार समझौते से दोनों देशों को फायदा होगा।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि चीन से माल पर उच्च टैरिफ से वैश्विक कंपनियों के भारत आने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। उन्होंने कहा, "हमें अपना होमवर्क करना होगा... कुल मिलाकर डोनाल्ड ट्रम्प का आना भारत के लिए अच्छा है।"
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