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भीषण कश्मीर हमले पर ट्रंप बोले, आतंक के खिलाफ जंग में हम भारत के साथ

पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत में मुंबई के 26/11 हमले की यादें ताजा कर दी हैं।

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका आतंक के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। / Image Reuters

भारत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के लिए समर्थन व्यक्त करते हुए एक भावुक बयान जारी किया। 

उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा कि कश्मीर से आई खबरें बेहद दुखद हैं। अमेरिका आतंक के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। हम मारे गए सभी लोगों की आत्मा की शांति और घायलों के जल्द ठीक होने के लिए प्रार्थना करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और भारत के लोगों के साथ हमारी पूरी सहानुभूति और समर्थन है।

ट्रंप ने बयान में न सिर्फ संवेदना जताई बल्कि यह भी साफ किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अमेरिका उसके साथ है। ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब हमले को लेकर पूरी दुनिया से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। 

ये भी देखें - कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमला, 20 पर्यटकों की मौत की आशंका

खबरों के मुताबिक, हमले में 20 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। कुछ सूत्रों के अनुसार मरने वालों की आंकड़ा 26 तक हो सकता है। ये भीषण हमला पहलगाम के एक प्रमुख पर्यटक स्थल पर हुआ जहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट घूमने आते हैं।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत में मुंबई के 26/11 हमले की यादें ताजा कर दी हैं। सऊदी अरब की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों का नापाक इरादा कभी कामयाब नहीं होगा। आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई और भी मजबूत होगी।

पीएम मोदी ने सऊदी अरब से ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और तुरंत कश्मीर जाने का निर्देश दिया। इसके बाद अमित शाह ने कश्मीर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और सुरक्षा की स्थिति पर उच्चस्तरीय बैठक की। 

हमले की जिम्मेदारी एक अनजान से आतंकी संगठन कश्मीर रेज़िस्टेंस ग्रुप ने ली है। सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर संगठन ने कहा कि कश्मीर में 85 हजार से ज्यादा बाहरी लोगों को बसाए जाने से लोकल आबादी बड़ा बदलाव हो रहा है। उनके हमले के पीछे यही वजह है।

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाल ही में विधानसभा में बताया था कि पिछले दो वर्षों में राज्य में अन्य प्रांतों के लगभग 84 हजार नागरिकों को डोमिसाइल यानी स्थायी निवास का अधिकार दिया जा चुका है। 
 

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