विश्व बैंक के आंकड़ों से पता चला है कि 2024 में भारत को प्रवासी भारतीयों से 129 बिलियन डॉलर का धन मिला है। यह अब तक का सबसे ज्यादा है। ये फिगर साफ बताते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने में प्रवासी भारतीयों का कितना बड़ा योगदान है और अहमियत है।
प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजा गया धन इस साल भारत के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) से बहुत ज्यादा रहा, जो सितंबर तिमाही तक 62 अरब डॉलर था। यह रकम देश के रक्षा बजट 55 अरब डॉलर से ज्यादा है। तुलनात्मक रूप से, भारत में भेजा गया धन पाकिस्तान (67 अरब डॉलर) और बांग्लादेश (68 अरब डॉलर) के संयुक्त सालाना बजट के लगभग बराबर है।
पिछले दस वर्षों में भारत में प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजे गए धन में 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह 2014 और 2024 के बीच कुल 982 अरब डॉलर रही। 2014 में जहां देश को 70 अरब डॉलर मिले थे, वहीं यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।2021 में यह 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। अब सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान भी भारत ने प्रवासियों से 83 अरब डॉलर हासिल करने में कामयाबी हासिल की।
2024 में सालाना वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रही, जो 2023 में 1.2 प्रतिशत से काफी ज्यादा है। भारत में प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजा गया धन अन्य देशों से बहुत आगे रहा। मेक्सिको 68 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहा। उसके बाद चीन 48 अरब डॉलर, फिलीपींस 40 अरब डॉलर और पाकिस्तान 33 अरब डॉलर है। यह रिपोर्ट वैश्विक प्रवासन के रुझान और उच्च आय वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारतीय प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।
उच्च आय वाले देशों, खासकर अमेरिका में, नौकरी बाजारों के सुधार ने इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमेरिका में विदेशी मूल के कामगारों का रोजगार स्तर महामारी से पहले के स्तर से 11 प्रतिशत अधिक बढ़ा है। इससे पैसे भेजने में तेजी आई है। दक्षिण एशिया में पैसे भेजने के मामले में 11.8 प्रतिशत की सबसे अधिक क्षेत्रीय वृद्धि दर्ज की गई। इसमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश अग्रणी रहे।
प्रवासी भारतीयों द्वारा भेजा गया धन भारत के लिए विदेशी मुद्रा का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है, जो FDI जैसे अन्य वित्तीय प्रवाहों से कहीं अधिक है। यह धन गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय समावेशन में योगदान देता है। यह आर्थिक व्यवधानों के दौरान एक स्थिर वित्तीय जीवन रेखा भी प्रदान करता है। विश्व बैंक के एक अर्थशास्त्री ने कहा, 'भारत का प्रवासी समुदाय देश के आर्थिक लचीलेपन का एक महत्वपूर्ण आधार बना हुआ है।'
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