भारत की वित्तीय अपराध जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एप्पल और शाओमी समेत प्रमुख स्मार्टफोन निर्माताओं से बिक्री संबंधी डेटा और दस्तावेज मांगे हैं। सूत्रों के हवाले से आई मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि यह कार्यवाही ई-कॉमर्स कंपनी एमेजन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ चल रही जांच के सिलसिले में की गई है।
यह कदम ऐसे समय सामने आया है जब भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर वार्ताओं के दौर चल रहे हैं। इसमें भारत के संरक्षणवादी ई-कॉमर्स नियम इस बातचीत का प्रमुख मुद्दा रहे हैं।
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ईडी वर्षों से एमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट के खिलाफ प्रत्यक्ष विदेशी निवेश संबंधी नियमों के उल्लंघन के आरोपों की जांच कर रही है। आरोप है कि ये कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले सामान का स्टॉक करती हैं और उन पर कंट्रोल बनाए हुए हैं जबकि भारतीय नियम विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को सीधे इन्वेंटरी रखने से रोकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, ईडी ने हाल के सप्ताहों में एप्पल और शाओमी समेत कई स्मार्टफोन कंपनियों को पत्र लिखकर उनकी ऑनलाइन सेल्स से संबंधित डेटा मांगा है। इंडस्ट्री से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि एजेंसी स्मार्टफोन कंपनियों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के बीच हुए कारोबारी समझौतों की जांच कर रही है।
इस मामले में एक सरकारी अधिकारी ने स्पष्ट किया कि स्मार्टफोन कंपनियों से सिर्फ जानकारी मांगी गई है और उन पर किसी तरह के आरोप लगने की संभावना नहीं है। हालांकि अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर ई-कॉमर्स कंपनियों को दोषी पाया जाता है तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
बता दें कि पिछले साल भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अपनी एक जांच में एमेजन और फ्लिपकार्ट पर कुछ चुनिंदा विक्रेताओं को तरजीह देने और सैमसंग व शाओमी जैसी कंपनीयों के साथ मिलकर उत्पादों को विशेष रूप से ऑनलाइन लॉन्च करने का आरोप लगाया था। यह मामला अभी भी कोर्ट में है।
बेन एंड कंपनी के अनुमानों के मुताबिक, भारत का ई-कॉमर्स बाजार साल 2028 तक 160 अरब डॉलर से अधिक का हो जाएगा। वहीं काउंटरपॉइंट रिसर्च के आंकड़े बताते हैं कि 2024 में सैमसंग और शाओमी ने मिलकर भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 33 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली थी। वहीं एप्पल Apple का हिस्सा 7 प्रतिशत रहा। भारत में लगभग 40 प्रतिशत फोन की बिक्री ऑनलाइन ही होती है।
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