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ACCT ने कॉग्निजेंट के साथ मिलकर शुरू की इंडिया-यूएस पार्टनरशिप लैब

कॉग्निजेंट ने अपने साइनेप्स इनिशिएटिव के तहत दुनियाभर में 10 लाख लोगों को डिजिटल स्किल्स सिखाने का लक्ष्य रखा है।

एसीसीटी ने इस प्रोग्राम के पायलट वर्जन के लिए दो कॉलेज सेलेक्ट किए हैं। / image provided

अमेरिका के एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी कॉलेज ट्रस्टीज (ACCT) ने इंडिया-यूएस पार्टनरशिप लैब की शुरुआत की है। इसका मकसद भारत और अमेरिका के शिक्षण संस्थानों के बीच लॉन्ग टर्म सहयोग को बढ़ावा देना है।  

इस पहल को भारतीय आईटी कंपनी कॉग्निजेंट स्पॉन्सर कर रही है। कॉग्निजेंट ने अपने साइनेप्स इनिशिएटिव के तहत दुनियाभर में 10 लाख लोगों को डिजिटल स्किल्स सिखाने का लक्ष्य रखा है। यह इनिशिएटिव खासतौर पर एआई जैसी नई टेक्नोलॉजी पर ट्रेनिंग देने के लिए शुरू किया गया है।  

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कॉग्निजेंट की कॉर्पोरेट रिलेशंस डायरेक्टर एम्मा फिशर ने कहा कि सरकार, इंडस्ट्री और एजुकेशन एक्सपर्ट्स को एक साथ लाने से नए वर्कफोर्स सॉल्यूशंस डेवलप करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हम इंडिया-यूएस पार्टनरशिप लैब को सपोर्ट कर रहे हैं जो ग्लोबल इनोवेटिव वर्कफोर्स सॉल्यूशंस को आगे बढ़ाएगा।"  

एसीसीटी ने इस प्रोग्राम के पायलट वर्जन के लिए दो कॉलेज सेलेक्ट किए हैं। मैरीलैंड का वॉरविक कम्युनिटी कॉलेज और पुणे का सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी साइबर सिक्योरिटी और STEM एजुकेशन पर फोकस करेंगे। वहीं वाशिंगटन का पियर्स कॉलेज और नागपुर की राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी (RTMNU) डिजास्टर मैनेजमेंट पर काम करेंगे।  

एसीसीटी के प्रेसिडेंट और सीईओ जी हांग ली ने कहा कि आज के ग्लोबल माहौल में कम्युनिटी कॉलेज स्टूडेंट्स को उन स्किल्स और नॉलेज से तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं जिससे वे इंटरनेशनल लेवल पर सक्सेसफुल बन सकें और समाज में अपना योगदान दे सकें।

वॉरविक और सिम्बायोसिस पहले डिजिटली काम शुरू करेंगे। इस साल के आखिर में इन-पर्सन मीटिंग होगी। वहीं पियर्स कॉलेज के अधिकारी मार्च में RTMNU का दौरा करेंगे और एमओयू साइन करेंगे।  

एसीसीटी के इस प्रोग्राम में और भी कई संस्थान रुचि ले रहे हैं। एसीसीटी में मेंबरशिप और एजुकेशनल सर्विसेज की वाइस प्रेसिडेंट रॉबिन मेट्रॉस हेल्म्स ने कहा कि लैब मॉडल ग्लोबल पार्टनरशिप्स बनाने में काफी सफल साबित हो रहा है।

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