संयुक्त अरब अमीरात में भारत के राजदूत संजय सुधीर ने भारत-यूएई संबंधों की नींव के रूप में आपसी विश्वास को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि जब एक बड़ा भारतीय प्रवासी समुदाय संयुक्त अरब अमीरात को घर कहता है तो उस विश्वास को बनाने में यह महत्वपूर्ण है। इंडियास्पोरा के फोरम फॉर गुड सम्मेलन में भाग लेने के लिए अबू धाबी पहुंचे सुधीर ने न्यू इंडिया अब्रॉड से कहा कि विश्वास इस रिश्ते की नींव है।
सुधीर ने कहा कि हमारे प्रवासी भारतीयों ने हमें यह विश्वास पैदा करने में काफी मदद की है। उदाहरण के लिए ब्रांड इंडिया के रूप में जब अमीराती शासक और सरकार भारत और भारतीयों के बारे में सोचते हैं तो वे भारतीयों को ऐसे लोगों के रूप में देखते हैं जो बहुत भरोसेमंद, अपने काम में बहुत ईमानदार, बहुत मेहनती हैं।
राजदूत ने इस बात को रेखांकित किया 40 लाख से अधिक भारतीय नागरिक अब संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं, जो इसे दुनिया में सबसे बड़े भारतीय प्रवासियों का घर बनाता है। दुनिया के किसी भी देश में सबसे बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक वास्तव में यहीं हैं। संख्या 40 लाख से अधिक हो गई है और वे पूरे देश से हैं। यानी उत्तर से लेकर यूपी, बिहार और केरल तक।
वे कहते हैं कि शीर्ष पेशेवर भारत से हैं, निर्माण श्रमिक भी भारत से हैं, चिकित्सा पेशेवर भी भारत से हैं। स्पेक्ट्रम के पार, आप उन्हें यहां पाते हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों की विविधता और योगदान को चिन्हित किया और कहा कि यह एक मजबूत द्विपक्षीय रिश्ते में तब्दील हो गया है।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों का नेतृत्व सभी स्तरों पर बहुत मिलकर काम करता है। पिछले 10 वर्षों में यह रिश्ता पूरी तरह से बदल गया है। यह देखते हुए कि भारत के प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में सात बार संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया है और शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान सहित संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं ने पारस्परिक यात्राएं की हैं।
राजदूत ने भारत-यूएई सहयोग की बढ़ती वैश्विक प्रासंगिकता पर भी प्रकाश डाला और बताया कि मजबूत संबंधों ने I2E2 (भारत, संयुक्त अरब अमीरात, इजराइल, अमेरिका) और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) जैसी महत्वपूर्ण पहलों को जन्म दिया है जिसका उद्देश्य क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए सामूहिक शक्तियों का लाभ उठाना
है।
राजदूत सुधीर ने अबू धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर की स्थापना की ओर इशारा करते हुए धार्मिक और सांस्कृतिक सद्भाव को बढ़ावा देने में यूएई के नेतृत्व पर भी बात की। उन्होंने कहा कि यूएई का लोकाचार सद्भाव, शांति, सहिष्णुता का लोकाचार है। इसलिए उनके लिए मंदिर के लिए हां कहना कोई ऐसी चीज नहीं है जो अप्रत्याशित या अकल्पनीय हो।
इसलिए यह भारत-यूएई संबंधों के सबसे मजबूत प्रतीकों में से एक है। भौतिक अभिव्यक्ति के संदर्भ में शायद यह इस बात का सबसे मजबूत प्रतीक है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात कितने करीब हैं।
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