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TIME की AI में 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में पिचाई, नडेला समेत कई अमेरिकी-भारतीय

इस सूची में 40 सीईओ, संस्थापक और सह-संस्थापक शामिल हैं। इनमें टेक लीडर्स के रूप में पहचाने जाने वाले दो भारतीय-अमेरिकी हैं Google और Alphabet के सीईओ सुंदर पिचाई और Microsoft के सीईओ सत्य नडेला। नडेला ने OpenAI सहित AI में रणनीतिक निवेश किया है।

टेक दिग्गजों से लेकर AI स्टार्टअप तक ये हस्तियां AI इनोवेशन में सबसे आगे हैं। / mage- LinkedIn (Sundar Pichai, Satya Nadella, Rohit Prasad, Vinod Khosla, Amandeep Gill, Shivdev Rao)

भारतीय-अमेरिकियों ने एक बार फिर वैश्विक AI लैंडस्कैप पर एक महत्वपूर्ण छाप छोड़ी है। इनमें कई हस्तियों को TIME की 'AI-2024 में 100 सबसे प्रभावशाली लोग' की लिस्ट में शामिल किया गया है। टेक दिग्गजों से लेकर AI स्टार्टअप तक ये हस्तियां AI इनोवेशन में सबसे आगे हैं। ये तकनीक के भविष्य और समाज पर इसके प्रभाव को आकार दे रहे हैं।

इस सूची में 40 सीईओ, संस्थापक और सह-संस्थापक शामिल हैं। इनमें टेक लीडर्स के रूप में पहचाने जाने वाले दो भारतीय-अमेरिकी हैं Google और Alphabet के सीईओ सुंदर पिचाई और Microsoft के सीईओ सत्य नडेला। नडेला ने OpenAI सहित AI में रणनीतिक निवेश किया है। उन्होंने Microsoft को AI क्रांति में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।

Amazon के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रमुख वैज्ञानिक रोहित प्रसाद को भी कंपनी में मानव के समान बुद्धिमान AI, यानी आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) को विकसित करने के उनके प्रयासों के लिए लिस्ट में नामित किया गया है। अपने AI-पावर्ड आंसर इंजन से पारंपरिक सर्च इंजनों को चुनौती देने वाले Perplexity के सीईओ अरविंद श्रीनिवास, Proton के अनंत विजय सिंह और Abridge के सह-संस्थापक और सीईओ शिव राव को AI में इनोवेटर्स के रूप में नामित किया गया है। शिव राव AI-पावर्ड मेडिकल स्क्राइब से डॉक्टर बर्नआउट का समाधान कर रहे हैं।

23 साल के बे एरिया के रहने वाले हैं द्वारकेश पटेल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सबसे गहराई से शोध किए गए पॉडकास्ट में से एक बनाया है। उन्हें इस विषय के अपने गहन और तकनीकी खोजों के लिए AI विचारक के रूप में पहचाना गया है।

खोसला वेंचर्स के संस्थापक विनोद खोसला AI निवेश में अग्रणी हैं। वह इसकी परिवर्तनकारी क्षमता की वकालत करते हैं। उन्हें AI उद्योग के आकार देने वालों की श्रेणी में मान्यता मिली है। साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के शीर्ष प्रौद्योगिकी सलाहकार अरती प्रभाकर और सामूहिक बुद्धिमत्ता परियोजना के दिव्या सिद्धार्थ को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है। दिव्या सिद्धार्थ लोकतांत्रिक AI विकास और शासन की वकालत करती हैं।

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