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टेक्सास के इंडियन-अमेरिकी शख्स ने स्वीकारा हेट क्राइम, 10 साल की हो सकती है सजा

कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, 17 सितंबर, 2022 को आरोपी अठाले ने सिखों के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था की मेन लाइन पर फोन किया। उसने सात वॉइसमेल छोड़े जिनमें समुदाय के खिलाफ नफरत और हिंसा भरी बातें थीं।

प्रतीकात्मक तस्वीर / Pexels

टेक्सास के रहने वाले इंडियन-अमेरिकन 49 साल के बुशन अठाले ने एक सिख नॉन-प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन के कर्मचारियों को जान से मारने की धमकी देने का दोषी ठहराया गया है। अठाले पर आरोप है कि उसने खतरनाक हथियार से धमकी देकर फेडरल सरकार की सुरक्षा में आने वाली गतिविधियों में दखल दिया। इसके अलावा उन पर दूसरे स्टेट से किसी को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने का आरोप है।

न्यू जर्सी डिस्ट्रिक्ट के एक्टिंग यू.एस. अटॉर्नी विकास खन्ना ने कहा, 'हमारे समाज में हिंसा की धमकियों की कोई जगह नहीं है। इस देश में हर शख्स को बिना किसी डर के, बिना हिंसा या ज़ुल्म के अपने धर्म का पालन करने की आजादी होनी चाहिए।'

कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, 17 सितंबर, 2022 को अठाले ने सिखों के अधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था की मेन लाइन पर फोन किया। उसने सात वॉइसमेल छोड़े जिनमें समुदाय के खिलाफ नफरत भरी बातें थीं। उसने उन्हें उस्तरे से घायल करने या मारने की धमकी दी। उसके मैसेज में हिंसक और गंदी गालियां थीं, जिसमें धार्मिक प्रतीकों और रस्मों का भी जिक्र था।

अठाले की धमकियां 21 मार्च, 2024 को भी जारी रहीं। उसने फिर से दो वॉइसमेल छोड़े जिनमें हिंसक और नफरत भरी बातें कही गईं। अपना गुनाह कबूल करते समय अठाले ने धर्म के नाम पर की गई और भी धमकियों को माना। नवंबर 2021 में, उसने अपने एक पुराने साथी को मैसेज भेजे, जिसमें लिखा था, 'मुझे पाकिस्तान से नफरत है। मुझे मुसलमानों से नफरत है।आगे लिखा, शायद मैं एक यहूदी को काम पर रखूंगा, वे उन्हें नुकसान पहुंचाने में सबसे अधिक खुश होंगे।' मई 2024 में, उसने एक रिक्रूटर को जिसके बारे में उसे लगता था कि वो मुसलमान है, इसी तरह की धमकियां भेजीं। 

अठाले को फेडरल सरकार की सुरक्षा में आने वाली गतिविधियों में दखल देने के लिए 10 साल और दूसरे स्टेट से धमकी देने के लिए पांच साल तक की सजा हो सकती है। हर आरोप पर उस पर 250,000 डॉलर तक का जुर्माना भी लग सकता है। सजा तय करने की सुनवाई 3 जून को होगी, जहां एक फेडरल जज अंतिम सजा तय करेगा।

FBI फिलाडेल्फिया फील्ड ऑफिस ने इस केस की जांच की। असिस्टेंट यू.एस. अटॉर्निस सारा ए. अली आबाडी, जेसन एम. रिचर्डसन और जस्टिस डिपार्टमेंट के ट्रायल अटॉर्नी एरिक पेफ्ले इस केस की पैरवी कर रहे हैं। FBI फिलाडेल्फिया फील्ड ऑफिस के स्पेशल एजेंट इन चार्ज वेन ए. जैकब्स ने कहा, 'हर नागरिक को सुरक्षित, निश्चिंत और हिंसा या नफरत के डर से मुक्त रहने का अधिकार है।'

 

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