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सर्वे में खुलासा : ट्रम्प की तुलना में भारतीय-अमेरिकी बाइडन के साथ

सर्वे में लगभग आधे (47%) भारतीय-अमेरिकियों का मानना है कि भारत सही रास्ते पर है, जो 2020 के मुकाबले 10% ज्यादा है। इसी तरह, 47% लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम को पसंद किया है।

पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प / Wikipedia

एक नए सर्वे से पता चला है कि अमेरिका में रहने वाले भारतीयों का मानना है कि जो बाइडन प्रशासन ने पिछले चार सालों में भारत-अमेरिका के रिश्तों को अच्छे से संभाला। लेकिन अगर दोबारा डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति बनते हैं, तो भारत-अमेरिका के रिश्ते कैसे रहेंगे, इस पर उनकी राय बंटी हुई है। ये सर्वे कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस ने किया है।

इस सर्वे का नाम है, 'भारतीय अमेरिकियों के विदेश नीति के रवैये: 2024 सर्वेक्षण परिणाम'। सर्वे में पाया गया कि 48% लोगों ने बाइडन के भारत-अमेरिका रिश्तों को संभालने के तरीके को पसंद किया। जबकि ट्रम्प के पहले कार्यकाल के आखिर में महज 33% लोगों ने उनका तरीका पसंद किया था। जब पूछा गया कि किस राष्ट्रपति ने भारत-अमेरिका के रिश्ते बेहतर ढंग से संभाले, तो 34% ने बाइडन का नाम लिया और 28% ने ट्रम्प का। काफी लोग, तकरीबन 26%, ये मानते हैं कि दोनों ने लगभग एक जैसे ही काम किया। 

भले ही बाइडन की रेटिंग ज्यादा अच्छी है, फिर भी इस बात को लेकर चिंता बनी हुई है कि अमेरिका ने भारत के साथ अपने रिश्तों में अपने रणनीतिक हितों और लोकतांत्रिक मूल्यों के बीच कैसे संतुलन बनाया है। सर्वे में पाया गया कि 31% लोगों का मानना है कि बाइडन प्रशासन ने सही संतुलन बनाया। लेकिन 28% लोगों का मानना है कि वाशिंगटन ने लोकतंत्र से ज्यादा अपने दीर्घकालिक रणनीतिक हितों को प्राथमिकता दी। 17% का कहना है कि प्रशासन ने भारत के लोकतांत्रिक रास्ते पर ज्यादा जोर दिया। 

 

भारतीय अमेरिकियों ने ट्रम्प के तहत अमेरिका-भारत संबंधों के भविष्य के बारे में बेचैनी व्यक्त की। लोगों ने बाइडन के काम को ट्रम्प के पहले कार्यकाल से थोड़ा बेहतर बताया। ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल की तुलना में संभावित हैरिस प्रशासन के तहत संबंधों को लेकर अधिक आशावादी नजर आए।

सर्वे में भारत की तरक्की को लेकर भी अलग-अलग राय सामने आई है। लगभग आधे (47%) भारतीय-अमेरिकियों का मानना है कि भारत सही रास्ते पर है, जो 2020 के मुकाबले 10% ज्यादा है। इसी तरह, 47% लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम को पसंद किया, हालांकि कई लोगों को भारत में कथित तौर पर बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद की चिंता है।

भारत के प्रति अमेरिका की नीति को लेकर अलग-अलग राय हैं। 38% लोगों का मानना है कि अमेरिका का भारत को जितना समर्थन मिल रहा है, वो सही है। 28% को लगता है कि अमेरिका ने भारत को काफी समर्थन नहीं दिया है, और 17% को लगता है कि अमेरिका ज्यादा समर्थन दे रहा है। अमेरिका में जन्मे भारतीय-अमेरिकियों में से 27% को लगता है कि अमेरिका भारत को ज्यादा समर्थन दे रहा है। विदेश में जन्मे भारतीयों में सिर्फ 11% ऐसा सोचते हैं।

सर्वे में अमेरिका और भारत के रिश्तों में हाल ही के विवादों पर भी बात की गई, जैसे कि एक भारतीय अधिकारी पर अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी समर्थक की हत्या की कथित साजिश रचने का आरोप। इस गंभीर आरोप के बावजूद, लगभग आधे लोगों को ही इस मामले के बारे में पता था। ज्यादातर लोगों का मानना था कि भारत को ऐसे कार्य में उचित नहीं ठहराया जा सकता और उन्होंने कहा कि यदि भूमिकाएं उलट दी जाएं तो वे समान अस्वीकृति व्यक्त करेंगे।

भारतीय-अमेरिकियों में विदेश नीति को लेकर साफ-साफ पार्टीगत मतभेद दिखाई दिए हैं।खासकर इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर। 40% लोगों को लगता है कि बाइडन प्रशासन इजराइल के प्रति ज्यादा ही अनुकूल रहा है। डेमोक्रेट्स फिलिस्तीन के समर्थन में ज्यादा थे, जबकि रिपब्लिकन इजराइल के पक्ष में थे।

लेकिन इन मतभेदों के बावजूद, भारत-अमेरिका के रिश्तों को लेकर पार्टीगत मतभेद कम थे। 66% रिपब्लिकन ने ट्रम्प को भारत-अमेरिका रिश्तों का बेहतर संचालक बताया, जबकि 50% डेमोक्रेट्स ने बाइडन को पसंद किया। निर्दलीय लोगों में राय लगभग बराबर बंटी हुई थी।

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