सैन जोस की एक स्टाफिंग कंपनी नैनोसेमैंटिक्स (Nanosemantics, Inc) के को-ओनर किशोर दत्तापुरम को वीजा धोखाधड़ी और इसकी साजिश रचने के जुर्म में 14 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। सांता क्लारा के रहने वाले दत्तापुरम पर फरवरी 2019 में दो और साथियों के साथ वीजा धोखाधड़ी मामलों में आरोप तय हुए थे।
नवंबर 2024 में उन्होंने सभी आरोप कबूल कर लिए। अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस (उत्तरी कैलिफोर्निया डिस्ट्रिक्ट) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, नैनोसेमैंटिक्स को क्लाइंट कंपनियों में कर्मचारियों को नौकरी दिलाने पर कमीशन मिलता था। यह स्टाफिंग कंपनी नियमित तौर पर विदेशी कर्मचारियों के लिए H1-B वीजा की अर्जियां जमा करती थी, ताकि उन्हें अमेरिका में कंपनियों के लिए रहने और काम करने की अस्थायी इजाजत मिल सके।
यहां यह जानना जरूरी है कि H1-B वीजा पाने के लिए कंपनी या स्पॉन्सर को यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) के पास I-129 फॉर्म की अर्जी जमा करनी होती है। इस अर्जी और इससे जुड़े कागजात में यह बताना जरूरी होता है कि कर्मचारी के लिए वाकई कोई नौकरी मौजूद है और यह कितने समय के लिए है। साथ ही, नौकरी से जुड़ी तनख्वाह जैसी अहम जानकारियां भी देनी होती हैं।
55 साल के दत्तापुरम ने अपने साथियों के साथ मिलकर H-1B वीजा के लिए जाली अर्जियां जमा कीं। इनमें यह झूठ दिखाया गया था कि विदेशी कर्मचारियों के लिए कुछ खास क्लाइंट कंपनियों में नौकरियां इंतजार कर रही हैं, जबकि असल में ऐसी कोई नौकरी थी ही नहीं। आरोपियों ने कंपनियों को पैसे दिए ताकि वे विदेशी कर्मचारियों के लिए एंड-क्लाइंट के तौर पर अपना नाम लिस्ट में डलवा सकें, जबकि वे जानते थे कि ये कर्मचारी कभी इन कंपनियों के लिए काम नहीं करेंगे।
अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस ने बताया, 'इस पूरी साजिश का मकसद था कि नैनोसेमैंटिक्स अपने उम्मीदवारों के लिए नौकरी पक्की होने से पहले ही वीजा हासिल कर ले। ऐसा करके नैनोसेमैंटिक्स वीजा प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार किए बिना, जैसे ही नौकरियां मिलतीं, उन कर्मचारियों को फौरन काम पर रखवा सकती थी। इससे नैनोसेमैंटिक्स को दूसरी कंपनियों के मुकाबले गलत तरीके से फायदा मिल रहा था।'
अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज एडवर्ड जे. डेविला ने दत्तापुरम को सजा के तौर पर तीन साल निगरानी में रिहाई (supervised release) का आदेश दिया। साथ ही, उनसे 125,456.48 डॉलर जब्त किए जाएंगे और उन्हें 7,500 डॉलर का जुर्माना और 1,100 डॉलर की स्पेशल असेसमेंट फीस भी चुकानी होगी।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login