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50 लाख का आंकड़ा पार, अमेरिका के हर क्षेत्र में दिख रहा प्रवासी भारतीयों का प्रभाव 

अमेरिका में 50 लाख से ज्यादा हो चुके भारतीय प्रवासियों का प्रभाव व्यापार, रक्षा, शिक्षा और तकनीक जैसे हर क्षेत्र में दिख रहा है। 2000 में महज 19 लाख भारतीय अमेरिका में थे। अब यह जीवंत समुदाय अमेरिका-भारत के मजबूत रिश्तों की मुख्य कड़ी बन गया है।

अमेरिका में भारतीय मूल के डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट रिचर्ड आर वर्मा। / X/ @DepSecStateMR

अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की तादाद तेज़ी से बढ़ी है। 2023 में ये संख्या 50 लाख से भी पार हो गई। जबकि साल 2000 में ये महज 19 लाख थी। यह जीवंत और जोशीला समुदाय, अमेरिका और भारत के बढ़ते हुए रिश्तों की एक अहम कड़ी है। प्रवासी भारतीय समुदाय दोनों मुल्कों के बीच व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और इनोवेशन में काफी योगदान दे रहा है। 

ये आंकड़े अमेरिकी विदेश मंत्रालय में हुए एक कार्यक्रम में पेश किए गए। इस कार्यक्रम में अमेरिका के डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट रिचर्ड आर वर्मा ने बताया कि कैसे इस देश में भारतीय-अमेरिकी समुदाय का रोल कितना अहम है। वर्मा ने बताया कि बाइडेन-हैरिस एडमिनिस्ट्रेशन में 130 भारतीय-अमेरिकियों को ऊंचे पदों पर नियुक्त किया गया है। इनका प्रभाव कारोबार की दुनिया में भी दिखता है। अमेरिका की 20% यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में भारतीय प्रवासी या तो फाउंडर हैं या फिर को-फाउंडर। 

आंकड़ों में भारतीय अमेरिकी संबंध। / X/ @DepSecStateMR

अमेरिका और भारत की साझेदारी शिक्षा के क्षेत्र में भी कामयाब है। लगभग 300 एक्सचेंज प्रोग्राम्स भारत के टॉप कॉलेजों को अमेरिका के 205 यूनिवर्सिटीज से जोड़ते हैं। इससे शिक्षा के क्षेत्र में इनोवेशन और सहयोग बढ़ रहा है।इसके साथ ही, अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 2000 के 54,664 से बढ़कर 2023 में 331,600 हो गई है।

वर्मा पहले भारत में अमेरिका के राजदूत भी रह चुके हैं। उन्होंने व्यापार, रक्षा, शिक्षा और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में अमेरिका और भारत की मजबूत साझेदारी पर भी जोर दिया।

वर्मा ने एक्स (पहले ट्विटर) पर दोनों देशों के बीच सहयोग की सराहना की। / X/ @DepSecStateMR

दोनों देशों के बीच व्यापार 2000 में 20 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 में 195 बिलियन डॉलर हो गया। वर्मा ने बताया कि, '2024 में दोनों तरफ का व्यापार 200 बिलियन डॉलर के पार जाने की उम्मीद है।' रक्षा के क्षेत्र में व्यापार में भी जबरदस्त उछाल आया है। साल 2000 में ये शून्य था, जो इस साल 24 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। वर्मा ने बताया, 'वर्तमान में भारत, अमेरिका का सबसे बड़ा मिलिट्री पार्टनर है।' उन्होंने मालाबार (नौसेना), युद्ध अभ्यास (सेना), कोप इंडिया (वायुसेना), वज्र प्रहार (आतंकवाद विरोधी) और टाइगर ट्रायम्फ (उभयचर) जैसे संयुक्त अभ्यासों का भी जिक्र किया।

कांसुलर स्तर पर भी रिश्ते और मजबूत हुए हैं। 2023 में अमेरिकी मिशन ने भारत में 10 लाख से ज्यादा वीजा जारी किए। दोनों देश अपने राजनयिक दायरे को बढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही बोस्टन, लॉस एंजिल्स, बेंगलुरु और अहमदाबाद में नए कॉन्सुलर्स खोलने की योजना है। वर्मा ने एक्स (पहले ट्विटर) पर दोनों देशों के बीच सहयोग की सराहना की। उन्होंने इस कार्यक्रम में मौजूद रहने के लिए भारत के अमेरिका में राजदूत विनय क्वात्रा को भी धन्यवाद दिया।

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