भारतीय दूतावास ने अपनी कांसुलर सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने UAE में 14 नए सर्विस सेंटर खोलने का ऐलान किया है। ये सारे Indian Consular Application Centre (ICAC) के अधीन काम करेंगे। ये नए सेंटर इस साल की दूसरी तिमाही में शुरू होने वाले हैं। UAE में इनकी 14 ब्रांचेज होंगी, जिससे वहां रहने वाले भारतीयों को कांसुलर सेवाएं आसानी से मिल पाएंगी।
31 जनवरी को जारी हुए एक Request for Proposal (RFP) में बताया गया है कि ये नए ICAC ब्रांचेज कहां-कहां खुलेंगे। इसमें अबू धाबी के भारतीय दूतावास और दुबई के महावाणिज्य दूतावास में CPV सेवाओं के आउटसोर्सिंग के बारे में बताया गया है। ये ब्रांचेज ज्यादा आसानी से पहुंचने के लिए इन जगहों पर बनाई जाएंगी। अबू धाबी: अल खलीदिया, अल रीम, मुसाफ्फा, अल ऐन, घयाती, दुबई: बुर दुबई, JLT/मरीना, शारजाह: अल माज, अजमन: अल जुरफ फ़ुजैराह, उम्म अल कुवैन खोर फक्कान: कॉर्निश, सुबारू, काल्बा, रस अल खैमाह: नाखील, खुजाम, मरीद।
इस प्रस्ताव में कहा गया है, 'अबू धाबी, दुबई, शारजाह, अजमन, फुजैराह, उम्म अल कुवैन, खोर फक्कान, काल्बा और रस अल खैमाह में मिशन/पोस्ट के अधिकार क्षेत्र में अध्याय VII के अनुभाग 1(A)(xi) में बताए गए CPV सेवाओं के लिए 14 भारतीय वाणिज्य दूतावास आवेदन केंद्र (ICAC) होंगे। ये केंद्र अच्छी तरह से जुड़े व्यावसायिक परिसरों में होंगे जहां आवेदकों के लिए पर्याप्त पार्किंग की सुविधा हो और प्रमुख स्थान पर होंगे।'
दूतावास ने ICAC को संचालित करने के लिए एक टेंडर जारी किया है। इससे सभी कांसुलर सेवाएं एक ही जगह पर मिल पाएंगी। इस नई व्यवस्था से UAE में लगभग चार मिलियन भारतीय नागरिकों को फायदा होगा। साथ ही भारतीय वीजा के लिए आवेदन करने वाले विदेशी नागरिकों को भी लाभ मिलेगा।
फिलहाल, दूतावास पासपोर्ट और वीजा के लिए BLS International और डॉक्यूमेंट अटेस्टेशन के लिए IVS Global का इस्तेमाल करता है। कुछ सेवाएं सीधे भारतीय दूतावास और दुबई के वाणिज्य दूतावास द्वारा भी संचालित की जाती हैं। नया ICAC प्रोग्राम इन सभी सेवाओं को एक साथ और अधिक कारगर तरीके से चलाएगा। ICAC का मकसद ऑपरेशनल एफिशिएंसी और पारदर्शिता बढ़ाकर सेवा की क्वालिटी बेहतर बनाना है। इस प्रस्तावित सिस्टम की मुख्य खासियतें ये हैं:
RFP के मुताबिक, जो सर्विस प्रोवाइडर एफिशिएंसी के मानक पूरे नहीं कर पाएंगे, उन पर जुर्माना लग सकता है। जनवरी 2022 से दिसंबर 2024 के बीच भारतीय दूतावासों ने 15.8 लाख से ज्यादा ट्रांजैक्शन किए हैं। रोजाना औसतन 1760 आवेदन। ICAC प्रोजेक्ट का टेंडर 2023 में जारी किया गया था और जनवरी 2024 में इसे शुरू करने की योजना थी। लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से इसमें देरी हुई। इस नए ऐलान से UAE में रहने वाले भारतीय नागरिकों को जल्द ही इस बेहतर सिस्टम के जरिये कांसुलर सेवाएं आसानी से मिलने लगेंगी।
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