यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास, सैन एंटोनियो (UTSA) ने अपने 'यूनिवर्सिटी एक्सीलेंस अवॉर्ड्स' का ऐलान किया है। ये अवॉर्ड्स कॉलेज के बेहतरीन टीचर्स और स्टाफ को दिए जाते हैं। इस साल विक्रम कपूर, केविन देसाई, बोनिता बी. शर्मा और विद्या शर्मा को टीचिंग, रिसर्च और इनोवेशन में उनके कमाल के काम के लिए ये सम्मान मिला है।
टीचिंग एक्सीलेंस कैटेगरी में नॉमिनेट विक्रम कपूर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड इंटीग्रेटेड डिजाइन में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। भारत के जयपुर इंस्टिट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से बायोटेक्नोलॉजी में बी.टेक करने वाले कपूर, क्लेसे एंडॉव्ड प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सिविल एंड एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग के डिवीजन लीडर भी हैं। साथ ही, वो सिविल एंड एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में अंडरग्रेजुएट एडवाइजर भी हैं।
यूनिवर्सिटी सर्विस कैटेगरी में केविन देसाई को कॉलेज ऑफ साइंसेज में उनके योगदान के लिए नॉमिनेट किया गया है। भारत की निरमा यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बी.टेक करने वाले देसाई अपनी रिसर्च कोलेबोरेटिव वर्चुअल एनवायरमेंट्स, कंप्यूटर विजन और वर्चुअल/ऑगमेंटेड/मिक्स्ड रियलिटी टेक्नोलॉजीज पर केंद्रित करते हैं। वो कंप्यूटर साइंस के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।
कॉलेज ऑफ हेल्थ, कम्युनिटी एंड पॉलिसी में सोशल वर्क की असिस्टेंट प्रोफेसर बोनिता बी. शर्मा को उनकी बेहतरीन रिसर्च के लिए एडवांसिंग ग्लोबलाइजेशन कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है। शर्मा का काम सस्टेनेबिलिटी, जेंडर इक्वैलिटी, ग्लोबल हेल्थ और ह्यूमन मोबिलिटी जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। उनकी इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च टेक्नोलॉजी, लीडरशिप और सोशल वर्क के ग्लोबल लेवल पर मिलन बिंदुओं को खंगालती है, जो बड़ी-बड़ी सामाजिक चुनौतियों से निपटने के उनके समर्पण को दिखाता है।
विद्या शर्मा को रिसर्च और डेवलपमेंट में उनके जबरदस्त योगदान के लिए इनोवेशन एंड इम्पैक्ट (आई-स्क्वेयर्ड) कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है।
UTSA के 2025 यूनिवर्सिटी एक्सीलेंस अवार्ड्स का समारोह 30 अप्रैल को सुबह साढ़े नौ बजे से ग्यारह बजे तक UTSA मेन कैंपस के H-E-B स्टूडेंट यूनियन बॉलरूम में होगा। ये इवेंट UTSA के प्रेसिडेंट टेलर ईघ्मी, प्रोवोस्ट हीदर शिप्ले, एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट वेरोनिका सालाजार और UTSA के फैकल्टी और स्टाफ सीनेट के नमाइंदों की अगुवाई में होगा।
इस साल, स्टाफ नॉमिनीज के लिए अवॉर्ड प्रोसेस को और बेहतर बनाया गया है। अब एक मल्टी-स्टेज सिलेक्शन सिस्टम है, जिसमें कुछ कैंडिडेट्स को पहले सेमी-फाइनलिस्ट बनाया जाएगा। इसके बाद फाइनल सिलेक्शन होगा। फैकल्टी सिलेक्शन प्रोसेस पहले जैसा ही है। नॉमिनीज की लिस्ट से ही विनर्स चुने जाएंगे।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login