भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन पहले वैश्विक नेताओं में शामिल होंगे, जो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के कुछ ही सप्ताह बाद संयुक्त राज्य अमेरिका की आधिकारिक यात्रा करेंगे। इस बात की घोषणा शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने की। यह दौरा 12 और 13 फरवरी को होगा, जो कि अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक निमंत्रण पर हो रहा है। यह ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की पहली अमेरिका यात्रा होगी।
भारत-अमेरिका साझेदारी का प्रमाण
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने शुक्रवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका की नई सरकार के गठन के मात्र तीन सप्ताह के भीतर वहां आने का निमंत्रण मिला है, यह भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्व को दर्शाता है और यह भी दिखाता है कि अमेरिका में यह साझेदारी द्विदलीय समर्थन प्राप्त करती है।' उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह यात्रा नई अमेरिकी सरकार के साथ सभी आपसी हितों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगी।
ट्रम्प संग द्विपक्षीय वार्ता
प्रधानमंत्री मोदी इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जो कि सीमित और प्रतिनिधिमंडल स्तर पर होगी। इसके अलावा, वरिष्ठ अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारी भी प्रधानमंत्री से मुलाकात कर सकते हैं। विदेश सचिव के अनुसार, 'प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका में व्यापार जगत के दिग्गजों और भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत करने का भी अवसर मिलेगा।'
मजबूत होते भारत-अमेरिका संबंध
भारत और अमेरिका के बीच संबंध हाल के वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं। विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह यात्रा नई दिल्ली की नई अमेरिकी प्रशासन के साथ निरंतर संवाद नीति के अनुरूप है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान दो बार अमेरिका की यात्रा की थी, एक बार 2017 में और दूसरी बार 2019 में। ट्रम्प के पुनर्निर्वाचन के बाद, पीएम मोदी ने उन्हें सबसे पहले फोन कर बधाई दी थी। इसके बाद, राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह के बाद भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई थी।'
महत्वपूर्ण मुलाकातें और रक्षा सहयोग
विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जो पिछले महीने वॉशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे, उन्होंने वहां अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से अपनी पहली मुलाकात की थी। जयशंकर ने अमेरिका के नए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज से भी मुलाकात की, जो पहले कांग्रेस के सदस्य रह चुके हैं। गुरुवार शाम को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिका के नए रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने फोन पर बातचीत की और दोनों देशों के बीच रक्षा साझेदारी को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 'दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में आक्रामकता को रोकने के लिए रक्षा औद्योगिक और तकनीकी सहयोग को तेज करने पर सहमति जताई। अमेरिकी रक्षा सचिव ने भारत-अमेरिका 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता के अगले चरण को जल्द आयोजित करने और अगले 10 साल के लिए रक्षा ढांचे पर समझौता करने की प्रतिबद्धता जताई।'
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login