भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार को दिल्ली के विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को करारी हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा को 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें मिली हैं जबकि आम आदमी पार्टी 22 सीटों पर सिमट गई है। कांग्रेस पार्टी, बाकी दल और निर्दलीय उम्मीदवार अपना खाता खोलने में भी नाकाम रहे। जीत के बाद बीजेपी समर्थकों ने नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय के बाहर झंडे लहराते हुए और मोदी के पोस्टर लेकर नाचते-गाते जश्न मनाया।
दिल्ली में बीजेपी की यह जीत प्रतीकात्मक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी ने 1998 के बाद पहली बार दिल्ली विधानसभा पर जीत का परचम लहराया है। जीत से उत्साहित प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकास की जीत हुई है, सुशासन की जीत हुई है। हम दिल्ली के समग्र विकास और नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
दिल्ली में बीते एक दशक से सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (AAP) को इस चुनाव में बड़ा नुकसान हुआ। केजरीवाल खुद अपनी सीट नहीं बचा सके। उन्हें भाजपा के उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने हराया। प्रवेश वर्मा को दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा नेता अमित शाह ने कहा कि हमारी जीत प्रधानमंत्री मोदी के विकास दृष्टिकोण में जनता के विश्वास का प्रतीक है। दिल्ली की जनता को झूठ से हर बार गुमराह नहीं किया जा सकता।
AAP के लिए यह मुश्किल समय है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाकर सत्ता में आए केजरीवाल पिछले साल शराब नीति घोटाले में आरोपों के चलते महीनों जेल में रहे थे। वह इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं और मोदी सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते रहे हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि केजरीवाल की हार से भाजपा को और मजबूत स्थिति में आ गई है। सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के राहुल वर्मा ने कहा कि यह भाजपा के लिए बहुत मजबूत स्थिति है और AAP के लिए आगे की राह और भी कठिन हो गई है।
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