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अमेरिका में मानव तस्करी के मामले में भारतीय शख्स को छह महीने की मिली सजा 

अमेरिका में भारतीय नागरिकों की तस्करी के एक मामले में एक शख्स को छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है। एक भारतीय छात्रा समेत तीन अन्य पर भी आरोप हैं। तस्करी के दो अलग-अलग मामलों में आठ भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका लाया गया था।

प्रतीकात्मक तस्वीर / Pexels

अमेरिका में एक भारतीय शख्स को छह महीने जेल की सजा सुनाई गई है। एक भारतीय स्टूडेंट सहित तीन अन्य लोगों पर भारतीय नागरिकों को अमेरिका में अवैध तरीके से एंट्री कराने का आरोप लगा है। ये जानकारी बुधवार को जस्टिस डिपार्टमेंट ने दी। अमेरिकी जिला अदालत, वेस्टर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ वाशिंगटन की जज टाना लिन ने सजा का ऐलान किया। एक्टिंग यूएस अटॉर्नी टील लूथी मिलर ने बताया कि ये लोग नवंबर और दिसंबर 2023 में हुए तस्करी के दो मामलों में शामिल थे। 

जज लिन ने अपने आदेश में कहा, 'ये लोग देश में रहना चाहते थे। इसका मतलब ये नहीं है कि उनका शोषण नहीं हुआ। हर एक से 5,000 से 10,000 डॉलर लिए गए थे, जो उनके देश की कई महीनों या सालों की कमाई के बराबर है। इंसानों की तस्करी से हमारी देश की सीमाओं को नियंत्रित करने की क्षमता कमजोर होती है और इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है।' गौरतलब है कि जज लिन पहली ताइवानी-अमेरिकी महिला हैं जिन्होंने जिला अदालत में सेवा की है।

35 साल के सुशील कुमार को छह महीने की सजा सुनाई गई है। तीन अन्य आरोपी 26 साल के रजत रजत, 20 साल की स्नेहा और ड्राइवर 68 साल के बॉबी जो ग्रीन हैं। नवंबर और दिसंबर 2023 में हुई दो तस्करी की घटनाओं के दौरान इस गिरोह ने वाशिंगटन राज्य में अमेरिका-कनाडा सीमा पर ब्लेन के पास आठ भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से घुसाया था। 

चारों में से तीन आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। रजत रजत को इस साल 23 अप्रैल को सजा सुनाई जाएगी। बॉबी जो ग्रीन की सजा का ऐलान 13 मार्च को किया जाएगा। चौथी आरोपी 20 साल की स्नेहा भारत की नागरिक है और अमेरिका में स्टूडेंट वीजा पर है। उनके खिलाफ 12 मई को एक नए आरोप-पत्र पर मुकदमा चलना है। स्नेहा को रेंटन में गिरफ्तार किया गया था और जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, 27 नवंबर, 2023 को वाशिंगटन के ब्लेन में बाउंड्री विलेज अपार्टमेंट्स के पास एक मोशन-एक्टिवेटेड कैमरे ने कई लोगों को बाड़ में कूदते हुए पकड़ा गया था। ये बाड़ पीस आर्च पार्क से एक चौथाई मील पूर्व में है। अपार्टमेंट के पास बॉर्डर पेट्रोल के एजेंटों ने पांच लोगों को एक सफेद मिनीवैन की तरफ भागते हुए देखा। बॉर्डर पेट्रोल ने गाड़ी को रोक लिया। मिनीवैन में पांच भारतीय नागरिक थे और 68 साल के कैलिफोर्निया निवासी बॉबी जो ग्रीन ड्राइवर थे।

पूछताछ के दौरान तीन गैर-नागरिकों ने अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल के एजेंटों को बताया कि उन्होंने सीमा पार करने से पहले पीस आर्च पार्क में सुशील कुमार को देखा था। उन्होंने 6-पैक्ड फोटो लाइनअप में उसकी पहचान की। दो गैर-नागरिकों ने बताया कि उन्होंने 27 नवंबर से पहले व्हाट्सएप के जरिए सुशील कुमार से बात की थी।

एक गैर-नागरिक ने बताया कि कुमार ने उसे एक खास बाड़ के ऊपर से कूदने का निर्देश दिया था। उसने बाड़ के पास अपने लाइव लोकेशन का स्क्रीनशॉट भेजा था। जांच से पता चला कि कुमार और 26 साल के रजत रजत ने गैर-नागरिकों को बताया कि उन्हें कहां और कैसे सीमा पार करनी है। रजत ने ग्रीन को सीमा से गैर-नागरिकों को ले जाने के लिए पैसे दिए थे। रजत ने गैर-नागरिकों से अमेरिका में घुसने के लिए पैसे मांगे थे। 

इसी तरह, दिसंबर 2023 में रजत ने पीस आर्च पार्क में तीन भारतीय नागरिकों से मुलाकात की और कथित तौर पर उन्हें पार्क से कैसे पार करना है और स्नेहा द्वारा चलाई जा रही कार में कैसे बैठना है, इसके निर्देश दिए। कार को रोका गया और गैर-नागरिकों से पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि उन्होंने अमेरिका में घुसने के लिए पैसे देने का वादा किया था। स्नेहा और तीन भारतीय नागरिकों को हिरासत में लेने के बाद रजत को सीमा के पास से पकड़ा गया था। 

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