अमेरिका ने ईरान के पेट्रोलियम मंत्री मोहसिन पाकनेजाद और कई अन्य कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। इनमें भारत और चीन की कंपनियां भी शामिल हैं।
इन कंपनियों पर आरोप है कि वे ऐसे जहाजों का स्वामित्व या संचालन कर रही हैं जो ईरानी तेल को चीन तक पहुंचाती हैं। अमेरिकी के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि ईरानी शासन देश के विशाल तेल संसाधनों से प्राप्त रकम का इस्तेमाल खतरनाक मंसूबों को आगे बढ़ाने में कर रहा है। यह ईरानी जनता के हितों के भी खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि ट्रेजरी विभाग अस्थिरता फैलाने वाली गतिविधियों और खतरनाक एजेंडे वालों को मिलने वाली वित्तीय सहायता रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने इन प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा कि पाकनेजाद अरबों डॉलर मूल्य के ईरानी तेल के निर्यात की देखरेख करते हैं। उन्होंने ईरान की सशस्त्र सेनाओं को निर्यात के लिए अरबों डॉलर के तेल का आवंटन किया है।
ट्रेजरी विभाग का आरोप है कि ईरान का पेट्रोलियम मंत्रालय और उसकी सशस्त्र सेनाएं तेल शिपमेंट को छिपाने के लिए शैडो फ्लीट (गुप्त जहाजों के बेड़े) का उपयोग करते हैं जिससे अरबों डॉलर मूल्य का तेल चीन को बेचा जाता है।
प्रतिबंधित विदेशी कंपनियों में हांगकांग के फ्लैग वाली पीस हिल, सैन मैरिनो की SEASKY और पनामा की कोरोना फन शामिल हैं।
भारत की सूचीबद्ध कंपनी लेक व्यू शिप मैनेजमेंट प्रा. लि. है, जो ब्लू गल्फ नामक जहाज का स्वामित्व और प्रबंधन करती है। इसके अलावा इंडोनेशिया, लाइबेरिया, श्रीलंका, सिंगापुर और सेशेल्स की कंपनियां भी प्रतिबंधित सूची में शामिल हैं।
प्रतिबंधों के तहत इन नामित व्यक्तियों और कंपनियों के अमेरिका स्थित सभी संपत्तियां और संपत्ति संबंधी हित फ्रीज कर दिए जाएंगे। अमेरिकी नागरिकों या कंपनियों को इनसे कोई लेन-देन करने की अनुमति नहीं होगी।
यह कदम ईरान की आर्थिक गतिविधियों को सीमित करने और उसके कथित अस्थिरता फैलाने वाले प्रयासों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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