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ढोल-ताशा की धूम बोस्टन में, सेल्टिक्स के मैदान पर ISW का शानदार प्रदर्शन

नई पीढ़ी के लिए भारतीय संस्कृति की परंपरा को जीवंत बनाते हुए ISW सिम्फनी ढोल ताशा लेजिम टीम ने बोस्टन सेल्टिक्स के प्री-गेम शो में एक यादगार प्रदर्शन किया। टीम ने इस मौके को भारतीय ताल से गुंजायमान कर दिया।

ISW सिम्फनी ढोल ताशा लेजिम टीम ने बोस्टन सेल्टिक्स के प्री-गेम शो में एक यादगार प्रदर्शन किया। / ISW

ISW सिम्फनी ढोल ताशा लेजिम टीम ने 12 दिसंबर को बोस्टन के TD गार्डन में सेल्टिक्स बनाम डेट्रॉइट पिस्टन्स के NBA प्री-गेम शो में एक शानदार परफॉर्मेंस दिया। वोर्सेस्टर के इंडिया सोसाइटी (ISW) के इन जोशीले स्वयंसेवकों ने अमेरिका के सबसे मशहूर स्पोर्ट्स एरीना में से एक के विशाल मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। ये टीम कई सालों से साथ मिलकर परफॉर्म कर रही है। उन्होंने ढोल, ताशा और झांझ जैसे पारंपरिक भारतीय लोक वाद्य यंत्रों पर अपनी कला दिखाई। 

ये प्रदर्शन ISW और बोस्टन सेल्टिक्स के बीच 2010 से चले आ रहे एक सहयोग का हिस्सा था। इन वर्षों में, ISW के सदस्यों ने प्री-गेम इवेंट्स में सक्रिय रूप से भाग लिया है। राष्ट्रगान गाया है। खिलाड़ियों से बातचीत की है। इसके अलावा कई तरह के भारतीय सांस्कृतिक प्रदर्शन पेश किए हैं। इस सहयोग को शुरू करने में मदद करने वाली ISW की एक अग्रणी स्वयंसेविका रागिनी सेठ ने इस परंपरा पर विचार व्यक्त करते हुए कहा, 'यह सब पार्केट फ्लोर पर 'जय हो' पर नाचने वाले एक समूह के साथ शुरू हुआ था। तब से, ISW ने कई तरीकों से सेल्टिक्स के प्रशंसकों के सामने भारतीय संस्कृति पेश की है। इस साल ढोल ताशा टीम का प्रदर्शन इस विरासत को आगे बढ़ा रहा है।' 

ISW सिम्फनी पहल की अध्यक्ष सरिता देशपांडे के लिए सेल्टिक्स के कोर्ट पर कदम रखना एक यादगार और गर्व का अनुभव था। उन्होंने कहा, 'अपनी भारतीय सांस्कृतिक लय को इतने प्रतिष्ठित एरीना में हजारों दर्शकों को मोहित करते हुए देखना अविश्वसनीय था। 

ढोल टीम की नई सदस्यों में से एक ऐश्वर्या मुंगरवाड़ी ने अपने प्रदर्शन के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, 'मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं सेल्टिक्स के लिए ढोल बजाऊंगी। एक नई सदस्य होने के नाते, यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। माहौल बहुत शानदार था, और प्रदर्शन के बाद मैं बहुत खुश थी।'

ढोल वादक अक्षय राजहंस ने एक AI-जनरेटेड प्रोग्राम के साथ इस पल को काव्यात्मक रूप से अभिव्यक्त किया। ISW के स्वयंसेवक और समूह के आयोजकों में से एक राजेश खरे ने इस अनुभव पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, 'अपनी परंपरा को व्यापक दर्शकों के सामने पेश करना एक अविश्वसनीय एहसास था। एरीना में ऊर्जा बिलकुल अद्भुत थी।'

ISW सिम्फनी ढोल ताशा लेजिम टीम ISW के कार्यक्रमों और अन्य स्थानीय कार्यक्रमों में अपने जीवंत प्रदर्शनों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना जारी रखती है। अधिक जानकारी के लिए ISWOnline.org पर संपर्क कर सकते हैं।

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