अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा कि अगर भारत और अमेरिका मिलकर काम करने में असफल रहे, तो 21वीं सदी मानवता के लिए "बहुत अंधकारमय समय" बन सकती है। जयपुर में छात्रों, व्यापारियों, अधिकारियों और नेताओं को संबोधित करते हुए वेंस ने भारत की ऊर्जा और विविधता की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, "अगर भारत और अमेरिका सफलतापूर्वक सहयोग करें, तो यह सदी समृद्ध और शांतिपूर्ण हो सकती है। लेकिन अगर हम असफल रहे, तो पूरी मानवता के लिए यह समय मुश्किलों भरा हो सकता है।"
रक्षा और ऊर्जा में बढ़ेगा सहयोग
वेंस ने कहा कि अमेरिका भारत को और अधिक ऊर्जा और रक्षा उपकरण बेचना चाहता है, जिनमें लॉकहीड मार्टिन के एफ-35 लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच नियमित सैन्य अभ्यास होते हैं, ऐसे में रक्षा सहयोग स्वाभाविक है। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका भारत को अपनी अपतटीय गैस और खनिज संपदाओं की खोज में मदद करना चाहता है, और नाभिकीय ऊर्जा भी दोनों देशों के लिए एक अहम क्षेत्र है।
मोदी को बताया 'विशेष व्यक्ति'
वेंस ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी जमकर तारीफ की और उन्हें "एक विशेष व्यक्ति" बताया। उन्होंने कहा कि पहले वॉशिंगटन मोदी के प्रति पक्षपाती और अहंकार भरा रवैया अपनाता था, लेकिन अब वह सोच बदल रही है। वेंस ने मुस्कुराते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी एक कड़े सौदागर हैं, लेकिन उनके साथ बातचीत करके अच्छा अनुभव होता है। उनके अनुमोदन रेटिंग्स तो मुझे ईर्ष्या दिलाते हैं।"
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व्यक्तिगत यात्रा, लेकिन बड़े संकेत
वेंस इन दिनों चार दिवसीय व्यक्तिगत यात्रा पर भारत में हैं। उनके साथ उनकी भारतीय मूल की पत्नी और तीन बच्चे भी हैं। यह यात्रा भले ही पारिवारिक हो, लेकिन इसमें अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत हो रही है। वेंस ने कहा कि उन्होंने और मोदी ने व्यापार समझौते की रूपरेखा पर सहमति बना ली है, जो दोनों देशों के बीच एक अंतिम समझौते की दिशा में रोडमैप तय करेगा।
ट्रम्प के टैरिफ्स और भारत को फायदा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ्स को लेकर वेंस ने कहा कि इससे वैश्विक व्यापार में संतुलन आ रहा है और इसका लाभ भारत को मिलेगा। भारत इस समय खुद को चीन के विकल्प के रूप में एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।
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