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पुलित्जर पुरस्कार विजेता लेखिका झुम्पा लाहिड़ी को साल 2026 का प्रतिष्ठित सेंट लुइस लिटरेरी अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान सेंट लुइस यूनिवर्सिटी द्वारा उन विशिष्ट साहित्यकारों को दिया जाता है जिनका लेखन मानवीय संवेदनाओं की गहराई को समझने में योगदान देता है।
झुम्पा लाहिड़ी कोलंबिया यूनिवर्सिटी के बर्नार्ड कॉलेज में इंग्लिश की मिलिसेंट सी. मैकइंटॉश प्रोफेसर हैं। वह क्रिएटिव राइटिंग डायरेक्टर की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। उन्हें अगले साल अप्रैल में सेंट लुइस यूनिवर्सिटी में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
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कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक एडवर्ड इबुर ने कहा कि झुम्पा लाहिड़ी के निबंध, अनुवादित रचनाएं और कथा साहित्य दिखाते हैं कि वे लोगों की पहचान, प्रवासियों के जीवन और विस्थापन के अनुभवों को किस खूबसूरती से उकेरती हैं। वह ऐसी लेखिका हैं जो पाठक को बांधकर रखने वाली कहानी कहती हैं। उनकी कहानियां पढ़ने के बाद भी लंबे समय तक मन में गूंजती हैं।
झुम्पा लाहिड़ी को साल 2000 में उनकी पहले कहानी संग्रह इंटरप्रेटर ऑफ मैलोडीज के लिए पुलित्जर पुरस्कार मिला था। द नेमसेक, द लोवलैंड, अनअकस्टम्ड अर्थ जैसी कहानियां और द क्लोदिंग ऑफ बुक्स, ट्रांसलेटिंग माइसेल्फ एंड अदर्स जैसे नॉन फिक्शन ने उन्हें विश्व साहित्य में विशिष्ट स्थान दिलाया है।
लाहिड़ी को कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं जिनमें नेशनल ह्यूमैनिटीज़ मेडल, पेन/हेमिंग्वे अवॉर्ड, गुगेनहाइम फैलोशिप और अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज की सदस्यता शामिल है। 2019 में उन्हें इटालियन रिपब्लिक का कमांडर भी घोषित किया जा चुका है।
भारतीय माता-पिता की संतान झुम्पा का जन्म लंदन में हुआ और परवरिश अमेरिका के रोड आइलैंड में हुई। उन्होंने बोस्टन यूनिवर्सिटी से रेनासा स्टडीज में पीएचडी की है।
सेंट लुइस लिटरेरी अवॉर्ड अब तक चिनुआ अचेबे, जोआन डिडियन, सलमान रुश्दी और मार्गरेट एटवुड जैसे दिग्गजों को सम्मानित कर चुका है। अब इस सूची में झुम्पा लाहिरी का नाम भी जुड़ गया है।
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