ADVERTISEMENTs

ट्रम्प न कर सकें नियुक्ति, क्या इसलिए बाइडेन ने किया वीटो? जजों की संख्या बढ़ाने वाला बिल रद्द

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने 66 नए संघीय न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है। यह बिल, जिसे दोनों दलों ने शुरू में समर्थन दिया था, ट्रम्प को और अधिक न्यायिक नियुक्तियां करने की अनुमति देता। माना जा रहा है कि इसलिए बाइडेन ने इसे रोकने के लिए वीटो किया।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने 23 दिसंबर को बिल पर वीटो लगा दिया। / Kevin Lamarque/File Photo / Reuters

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने 23 दिसंबर को एक बिल पर वीटो लगा दिया। इस बिल में देश भर की कम स्टाफ वाली फेडरल कोर्ट्स में 66 नए जज जोड़ने की बात थी। इस बिल को काफी समय तक दोनों ही पार्टियों का समर्थन प्राप्त था। इससे 1990 के बाद से फेडरल ज्यूडिशियरी का पहला बड़ा विस्तार होता।

'जूड्जेज एक्ट' नाम के इस बिल को शुरू में दोनों ही पार्टियों के कई सदस्यों ने समर्थन दिया था। इसमें 13 राज्यों (जिनमें कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा और टेक्सास शामिल हैं) की 25 फेडरल जिला अदालतों में ट्रायल कोर्ट के जजों की संख्या बढ़ाने की बात थी। ये बढ़ोतरी 2035 तक हर दो साल में छह चरणों में होती। 

दोनों ही पार्टियों के राष्ट्रपतियों द्वारा नियुक्त सैकड़ों जजों ने इस बिल के समर्थन में एक दुर्लभ कदम उठाते हुए खुलेआम अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब कांग्रेस ने ज्यूडिशियरी के व्यापक विस्तार का कानून पारित किया था, उसके बाद से फेडरल केसों में 30 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।

लेकिन अमेरिका के निर्वर्तमान डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति ने अपना वीटो का वादा पूरा किया। उन्होंने ये वादा बिल के हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स से पारित होने से दो दिन पहले किया था। गौरतलब है कि 12 दिसंबर को रिपब्लिकन बहुल हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स ने 236-173 के वोट से इस बिल को पास किया था।

सीनेट को बिल को अस्वीकार करने के अपने संदेश में बाइडेन ने कहा कि इसमें जल्दबाजी में नए जजों के पद बनाए गए हैं। इसमें ये जरूरी सवाल नहीं उठाए गए कि क्या वाकई नए जजों की जरूरत है। अगर है तो उन्हें पूरे देश में कैसे बांटा जाएगा। 

इस बिल को सीनेट में पेश करने वाले इंडियाना के रिपब्लिकन सीनेटर टॉड यंग ने कहा कि राष्ट्रपति का वीटो 'सबसे घटिया तरह की पार्टीबाजी की राजनीति' है। इस बिल को बनाने वालों ने नए जजों के पदों को तीन राष्ट्रपति कार्यकालों में बांटने की योजना बनाई थी। उनका मानना था कि इससे इस चिंता से बचा जा सकेगा कि विपक्षी पार्टी के राष्ट्रपति इन पदों को भर सकते हैं। ये चिंता काफी समय से कानून बनाने वालों में रही है। 

अगस्त में डेमोक्रेटिक बहुल सीनेट ने भी इस बिल को सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया था। लेकिन रिपब्लिकन बहुल हाउस में ये बिल लंबे समय तक अटका रहा। इस पर वोटिंग तभी हुई जब रिपब्लिकन के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने 5 नवंबर के चुनाव में जीत हासिल की। अब उन्हें पहले 25 जजों को नियुक्त करने का मौका मिल जाएगा।

हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स के सीनियर डेमोक्रेटिक सदस्यों ने आरोप लगाया कि उनके रिपब्लिकन साथियों ने इस बिल का मुख्य वादा तोड़ दिया है। उनका कहना था कि बिल को तब मंजूरी दी गई जब ये पता ही नहीं था कि पहले चरण में जजों की नियुक्ति कौन करेगा। इसके बाद कई डेमोक्रेटिक सदस्यों ने इस बिल से अपना समर्थन वापस ले लिया। 

अगर ये बिल कानून बन जाता तो ट्रम्प अपने चार साल के कार्यकाल में 22 स्थायी और 3 अस्थायी जजों के पदों को भर सकते थे। इसके अलावा वो 100 से ज्यादा न्यायिक नियुक्तियां पहले से ही करने वाले थे। इन नियुक्तियों से ट्रम्प ज्यूडिशियरी में अपना प्रभाव और मजबूत कर सकते थे। अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने 234 न्यायिक नियुक्तियां की थीं, जिसमें अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के 6-3 के रूढ़िवादी बहुमत में से तीन सदस्य भी शामिल थे।

20 दिसंबर को बाइडेन ने ट्रम्प के कुल न्यायिक नियुक्तियों की संख्या (234) को पार कर लिया और 235 नियुक्तियां कीं। हालांकि, उन्होंने अपीलीय न्यायाधीशों की कम नियुक्तियां कीं और अपने कार्यकाल में केवल एक ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट जज की नियुक्ति की।

 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related