अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीय मूल के काश पटेल को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के निदेशक पद के लिए नामित किया है। कन्फर्मेशन के लिए 30 जनवरी को उनकी अमेरिकी सीनेट की जुडिशियरी कमिटी के सामने पेशी होगी। कमिटी के दो डेमोक्रेट सदस्यों ने पटेल को लेकर पहले ही अपनी चिंताए जाहिर कर दी हैं।
अगर पटेल के नाम पर कमिटी मुहर लगा देती है तो वह एफबीआई की अगुवाई करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी होंगे। हालांकि डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने उनके नामांकन की तीखी आलोचना की है और उनकी योग्यता, विवादित बयानों और राजनीतिक लाइन पर चिंता व्यक्त की है।
सीनेट की ज्यूडिशियरी कमेटी के रैंकिंग मेंबर सीनेटर डिक डर्बिन ने काश पटेल के साथ मुलाकात के बाद अपना विरोध दर्ज कराया है। डर्बिन ने एक बयान में कहा कि काश पटेल के पास एफबीआई की कमान संभालने का न तो अनुभव है, न ही स्वभाव और न ही निर्णय लेने की क्षमता।
डर्बिन ने आगे कहा कि राजनीतिक सपोर्ट ने काश पटेल की एमएजीए वर्ल्ड का पसंदीदा चेहरा बना दिया है, लेकिन यह उन्हें हिंसक अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी, आतंकवाद और अन्य खतरों से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए रात-दिन काम करने की क्षमता नहीं प्रदान करता है। एफबीआई का नेतृत्व करने के लिए पटेल सही विकल्प नहीं हैं।
44 वर्षीय काश पटेल ट्रम्प की पहली सरकार के दौरान कैपिटल हिल के कानूनी एडवाइजर, पब्लिक डिफेंडर रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रम्प के डिप्टी असिस्टेंट और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में काउंटर टेररिजम के सीनियर डायरेक्टर जैसे पद भी संभाले हैं। उन्होंने हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के प्रमुख के तौर पर 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूसी हस्तक्षेप की जांच की कमान भी संभाली है।
इस सबके बावजूद काश पटेल के विरोधी दावा करते हैं कि उनकी पेशेवर बैकग्राउंड और अत्यधिक पक्षपाती रवैया उन्हें एफबीआई का नेतृत्व करने के अयोग्य बनाता है। विरोधी पटेल के विवादास्पद बयानों और ट्रम्प के राजनीतिक करीबी का उदाहरण भी देते हैं।
पटेल ने एक बार बयान दिया था कि एफबीआई का मुख्यालय बंद करके डीप स्टेट म्यूजियम खोल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कथित तौर पर कई लोगों को 'सरकारी गैंगस्टर' करार देते हुए 'दुश्मन सूची' में शामिल किया था।
सीनेट ज्यूडिशियरी कमेटी के सदस्य सीनेटर क्रिस कून्स ने भी काश पटेल से मुलाकात के बाद डर्बिन की तरह आशंकाएं जाहिर की हैं। उन्होंने संदेह जताया है कि पटेल के जरिए ट्रम्प एफबीआई को राजनीतिक प्रतिशोध के हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। पटेल के पिछले बयान इस शक को पुख्ता करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि देश की सबसे बड़ी संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने के लिए काश पटेल का नामांकन चिंताजनक बात है। मैं आगामी सुनवाई के दौरान पटेल से इस मसले पर स्पष्टता प्रदान करने की अपेक्षा करता हूं।
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