अमेरिकी कांग्रेस मेंबर राजा कृष्णमूर्ति ने संघीय सुरक्षा जाल कार्यक्रमों, विशेष रूप से मेडिकेड और एसएनएपी (सप्लीमेंटल न्यूट्रीशन असिस्टेंस प्रोग्राम) के बचाव में बयान दिया। ये कार्यक्रम भारी बजट कटौती के खतरे में हैं, जिससे लाखों अमेरिकी नागरिक प्रभावित हो सकते हैं। प्रस्तावित कटौतियों पर बोलते हुए कृष्णमूर्ति ने अपनी व्यक्तिगत कहानी साझा की और बताया कि किस तरह उनके परिवार ने कठिन समय में इन सरकारी योजनाओं से सहायता प्राप्त की थी।
राजा कृष्णमूर्ति महज तीन महीने की उम्र में अपने माता-पिता के साथ अमेरिका आए थे। उन्होंने बताया कि 1973 की आर्थिक मंदी के दौरान उनके पिता ने अपनी नौकरी खो दी थी, जिससे परिवार को गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, हम अमेरिका की जनता, इसकी सरकार और इन सुरक्षा जाल कार्यक्रमों की बदौलत ही जीवित रह पाए और आगे बढ़ सके।
सुरक्षा जाल कार्यक्रमों का महत्व
मेडिकेड और एसएनएपी जैसे कार्यक्रम अमेरिका में लाखों निम्न-आय वर्ग के परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाएं और खाद्य सहायता प्रदान करते हैं। अगर इन योजनाओं में भारी कटौती की जाती है, तो इसका सीधा असर समाज के सबसे कमजोर वर्गों पर पड़ेगा।
कृष्णमूर्ति का यह बयान उन नीतिगत चर्चाओं के बीच आया है जिनमें सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के बजट में कटौती पर विचार किया जा रहा है। उनका मानना है कि सरकार को आर्थिक तंगी के समय सुरक्षा जाल कार्यक्रमों को बनाए रखना चाहिए, ताकि जरूरतमंद परिवारों को आवश्यक सहायता मिलती रहे।
जनता के हितों की रक्षा जरूरी
उन्होंने सांसदों और नीति-निर्माताओं से इन कार्यक्रमों को बचाने की अपील की और कहा कि अमेरिका की सफलता का एक बड़ा कारण यह है कि वह अपने नागरिकों को कठिन परिस्थितियों में सहारा देता है। कृष्णमूर्ति के अनुसार, हमें उन मूल्यों को बनाए रखना होगा, जिन्होंने अमेरिका को महान बनाया है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी नागरिक बुनियादी जरूरतों से वंचित न रहे। उनका यह भाषण जनता और नीति-निर्माताओं का ध्यान इस महत्वपूर्ण मुद्दे की ओर आकर्षित करने में सफल रहा।
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