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गत वर्ष की आशंका... नए साल में अवसर

बहुत सारे लोगों के लिए नए साल की इससे बेहतर शुरुआत और क्या हो सकती है कि H-1B वीजा से जुड़ी तमाम आशंकाएं अचानक से अवसरों में तब्दील हो गई हैं।

सांकेतिक तस्वीर / Image : NIA

पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव और डोनल्ड ट्रम्प के फिर से राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उनकी वीजा नीतियों (खासकर H-1B) से आक्रांत लोगों के लिए नए साल की इससे बेहतर शुरुआत और क्या हो सकती है कि तमाम आशंकाएं अचानक से अवसरों में तब्दील हो गई हैं। सब कुछ नाटकीय सा रहा। कुछ वैसा ही नाटकीय जैसा कि अमेरिका में चुनाव के दिन से पहले और चुनाव के बाद माहौल था। चुनाव से पहले माहौल कमला हैरिस के पक्ष में दिख रहा था मगर नतीजों में उलट हुआ। H-1B वीजा कार्यक्रम को लेकर भी चुनाव से पहले अनिश्चितता और आशंका का परिदृश्य था। इसलिए क्योंकि ट्रम्प 'अमेरिका फर्स्ट' के तहत विदेशियों के लिए अपने देश के दरवाजों पर सख्त पहरा बैठाने वाले थे। ऐसा पहरा  जिसके रहते किसी बाहरी के लिए अमेरिका में प्रवेश दुरूह हो जाने वाला था। अमेरिका में रहकर पढ़ाई करने, काम करने और फिर बस जाने का सपना देख रहे लोगों के लिए राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे और ट्रम्प की जीत उनके सपनों का लगभग टूट जाना था। मगर असहमति अब सहमति में बदल गई है। 

और यह सब मुमकिन हुआ आज की तारीख में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प के सबसे भरोसेमंद और दुनिया के दिग्गज कारोबारी इलॉन मस्क के कारण। बल्कि हुआ भी क्या, मस्क ने किया। यह मस्क का ही असर है कि H-1B वीजा नीति को लेकर ट्रम्प की 'न' अब 'हां' में बदल गई है। यानी पिछले साल की आशंका इस साल के शुरू होते ही अवसर में बदल गई है। पिछले साल के अंतिम सप्ताह तक स्थितियां असमंजस भरी थीं। मगर ट्रम्प सरकार में दक्षता विभाग संभालने जा रहे मस्क ने जैसे ही प्रतिभाओं के लिए देश के दरवाजे खुले रखने और H-1B के पक्ष में बात कही और भारतीय मूल के एक सीईओ के ग्रीन कार्ड संबंधी सवाल का उत्तर हां में दिया तो हवाएं बदलने लगीं। हालांकि वीजा नीति को लेकर मस्क के रुख को ट्रम्प से असहमति के तौर पर भी देखा गया। मीडिया में इस तरह की खबरें आईं कि नई सरकार का कामकाज शुरू होने से पहले ही दिग्गज कारोबारी और नए राष्ट्रपति के बीच मतभेद उभर आए हैं। लेकिन सत्ता के गलियारों में अंदरखाते हलचल कुछ और थी। वैसे मस्क पहले ही प्रतिभाओं के अमेरिका में होने के पक्षधर रहे हैं। मस्क बाइडन प्रशासन की आप्रवासन नीतियों के इसीलिए मुखर आलोचक थे क्योंकि बकौल मस्क- देश में आपराधिक किस्म के लोग आसानी से आ सकते हैं लेकिन प्रतिभासंपन्न लोगों की राहों में कई रोड़े हैं। 

बहरहाल, अब सूरत-ए-हाल यह है कि नए वर्ष के स्वागत के लिए ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित आवास पर रखी गई एक पार्टी में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने खुलकर मस्क के आगामी वीजा कार्यक्रम का समर्थन किया। ट्रम्प ने अमेरिका में प्रतिभाओं को आयात करने के लिए एक उपकरण के तौर पर अपना समर्थन देकर मस्क का पक्ष लिया। बकौल ट्रम्प वीजा कार्यक्रम को लेकर मैंने अपना मन नहीं बदला है। मैंने हमेशा महसूस किया है कि हमारे देश में सबसे सक्षम लोग होने चाहिए। हमें अपने देश में स्मार्ट लोगों को लाने की ज़रूरत है। हमें ऐसी नौकरियाँ मिलने जा रही हैं जो पहले कभी नहीं थीं। तो इस तरह प्रतिभाओँ के रास्ते का 'कोहरा' नव वर्ष के सूर्योदय के साथ छंट गया है।

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