प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12-13 फरवरी को होने वाली अपनी अमेरिका यात्रा से पहले आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से प्रस्तावित मुलाकात का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई है कि इस यात्रा से भारत-अमेरिका की दोस्ती को और मजबूती मिलेगी तथा विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रपति ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होगी। माना जा रहा है कि इस दौरान व्यापार, रक्षा, ऊर्जा एवं आपूर्ति श्रृंखला जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने पर चर्चा होगी।
अमेरिका यात्रा से पहले पीएम मोदी 10-12 फरवरी तक फ्रांस का दौरा करेंगे। वहां वह राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे। उसके बाद अमेरिका जाएंगे।
अपनी अमेरिका यात्रा को लेकर पीएम मोदी ने बयान में कहा है कि मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। मैं अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने के लिए उत्सुक हूं। जनवरी में उनकी ऐतिहासिक चुनावी जीत और शपथ ग्रहण के बाद यह हमारी पहली मुलाकात होगी, लेकिन मुझे उनके पहले कार्यकाल में भारत-अमेरिका के बीच व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी बनाने में साथ काम करना बहुत अच्छी तरह याद है।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल में हमारे सहयोग की सफलताओं को आगे बढ़ाने और प्रौद्योगिकी, व्यापार, रक्षा, ऊर्जा एवं आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों सहित हमारी साझेदारी को पहले से ज्यादा गहरा करने का एजेंडा विकसित करने का अवसर होगी। हम अपने-अपने देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए मिलकर काम करेंगे और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगे।
Over the next few days, I will be in France and USA to take part in various programmes.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 10, 2025
In France, I will be taking part in the AI Action Summit, where India is the co-chair. I will be holding talks with President @EmmanuelMacron towards strengthening India-France relations. We…
यह यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने और हाल में 104 भारतीय अप्रवासियों के निर्वासन के कारण दोनों देशों के बीच तनाव भी है। अमेरिका से लोगों के डिपोर्टेशन ने भारत में राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है। विपक्षी दलों ने इसे अमानवीय बता रहे हैं।
पीएम मोदी ने बयान में फ्रांस की यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं पेरिस में एआई कार्य शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हूं, जो विश्व के दिग्गज नेताओं और विश्व स्तर की प्रौद्योगिकी कंपनियों के सीईओ का एक सम्मेलन है। वहां हम समावेशी, सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से नवाचार और सभी के कल्याण हेतु एआई प्रौद्योगिकी के सहयोगी दृष्टिकोण पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि मित्र राष्ट्रपति मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए 2047 क्षितिज कार्य योजना पर प्रगति की समीक्षा करने का भी अवसर मिलेगा। हम फ्रांस में पहले भारतीय वाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करने के लिए फ्रांस के ऐतिहासिक शहर मार्सिले की यात्रा करेंगे। अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर परियोजना का भी दौरा करेंगे।
यह यात्रा राष्ट्रपति ट्रम्प के पहले कार्यकाल में हमारे सहयोग की सफलताओं को आगे बढ़ाने और प्रौद्योगिकी, व्यापार, रक्षा, ऊर्जा तथा सुदृढ़ आपूर्ति श्रृंखला के क्षेत्रों सहित हमारी साझेदारी को पहले से ज्यादा बढ़ाने तथा गहरा करने के लिए एक एजेंडा विकसित करने का अवसर होगी। हम अपने-अपने देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए मिलकर काम करेंगे और दुनिया के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगे।
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