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भारत के वाणिज्य मंत्री अमेरिका में, व्यापार वार्ता को लेकर USIBC ने जताई यह उम्मीद

USIBC के अध्यक्ष अतुल केशप ने एक बयान में कहा कि हम दोनों सरकारों की बातचीत की सफलता की कामना करते हैं और दोनों पक्षों से साझा विकास के लिए व्यापार संबंधों का लाभ उठाने का आग्रह करते हैं।

सांकेतिक तस्वीर / USIBC

यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) ने कहा है कि व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के माध्यम से भारत-अमेरिका के बीच सार्थक व्यापार सुविधा लंबे समय से लंबित है। ,भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के साथ द्विपक्षीय बैठक से पहले USIBC ने यह बात कही। व्यापार वार्ता के लिए भारत के वाणिज्य मंत्री गोयल अमेरिका की राजधानी में पहुंच चुके हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के बीच 13 फरवरी को व्हाइट हाउस में हुई बैठक के बाद गोयल की यात्रा दोनों देशों के बीच पहली कैबिनेट स्तर की बैठक है। लुटनिक के साथ गोयल की बैठक दोनों नेताओं के कई महत्वपूर्ण निर्णयों की अगली कड़ी है।

दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की पिछले माह हुई वार्ता के अनुसार पहली बात यह है कि वर्ष 2030 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना से अधिक 500 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है। दूसरा, 2025 के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभप्रद, बहु-क्षेत्रीय द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) की पहली किस्त पर बातचीत करना है। बैठक में दो कैबिनेट रैंकिंग अधिकारियों को पारस्परिक टैरिफ से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का मौका मिलेगा। टैरिफ 2 अप्रैल से लागू होगा। इससे भारत पर असर पड़ने के आसार हैं। 

USIBC के अध्यक्ष अतुल केशप ने एक बयान में कहा कि व्यापक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के माध्यम से सार्थक व्यापार सुविधा दोनों देशों के बीच लंबे समय से अपेक्षित है और यह अमेरिका और भारत दोनों की जीडीपी को बढ़ावा देने और हमारी दो शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ बांधने में सहायक होगी। केशप ने कहा कि हम दोनों सरकारों की बातचीत की सफलता की कामना करते हैं और दोनों पक्षों से साझा विकास के लिए व्यापार संबंधों का लाभ उठाने का आग्रह करते हैं।

केशप ने कहा कि वर्षों से, अमेरिकी और भारतीय व्यवसायों ने औपचारिक निवेश या व्यापार ढांचे के बिना एक-दूसरे के देशों में निवेश किया है। भारत अमेरिका के व्यापार हिस्से का केवल 2.5% प्रतिनिधित्व करता है और यह हिस्सा काफी हद तक बढ़ सकता है और बढ़नी भी चाहिए। 

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केशप ने कहा अब, दोनों पक्षों को दोनों देशों में निवेश, विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए समान अवसर, पूर्ण और खुली बाजार पहुंच, तेज विवाद मध्यस्थता और अनुमानित कर और नियामक नीतियों को औपचारिक रूप देने पर ध्यान केंद्रित करके आगे बढ़ना चाहिए।

USIBC अध्यक्ष केशप ने कहा कि गैर-टैरिफ बाधाएं और लालफीताशाही बाजार पहुंच को धीमा करती है लिहाजा इन बाधाओं को तत्काल दूर किया जाना चाहिए। दोनों पक्षों के लिए यह अवसर एक ऐतिहासिक द्विपक्षीय समझौता है जो दोनों देशों में उद्यमशीलता और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को आगे बढ़ा सकता है। अब वॉशिंगटन और दिल्ली के बीच महत्वाकांक्षी परिणामों का समय है। 

उन्होंने कहा कि USIBC की अमेरिकी और भारतीय सदस्य कंपनियां दोनों सरकारों के प्रयासों की उत्साहपूर्वक सराहना करती हैं और उनके बीच सार्थक बातचीत की कामना करती हैं। इससे संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के लोगों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी साझेदारी गहरी होगी। 

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