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कुछ क्षेत्रों में टैरिफ रियायतों के साथ ट्रम्प से मिलेंगे मोदी, ताकि न बढ़े 'टकराव'

अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल और सर्जिकल उपकरणों के साथ-साथ कुछ रसायनों सहित कम से कम एक दर्जन क्षेत्रों में टैरिफ में कटौती पर विचार कर रहा है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। / Reuters

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के साथ अपनी बैठक से पहले अतिरिक्त टैरिफ कटौती की तैयारी कर रहे हैं ताकि भारत में अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा मिले और संभावित व्यापार युद्ध से बचा जा सके। 

बुधवार और गुरुवार को मोदी की अमेरिका यात्रा ऐसे समय हो रही है जब ट्रम्प कई देशों पर पारस्परिक टैरिफ की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं। इस कदम का उद्देश्य संयुक्त राज्य अमेरिका के पक्ष में वैश्विक व्यापार संबंधों को नया आकार देना है।

ट्रम्प ने यह खुलासा नहीं किया है कि कौन से देश प्रभावित होंगे लेकिन पहले उन्होंने भारत को व्यापार का 'बहुत बड़ा दुरुपयोगकर्ता' कहा था और इस बात पर जोर दिया था कि भारत को निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों की ओर बढ़ने के लिए अमेरिका निर्मित अधिक सुरक्षा उपकरण खरीदने चाहिए।

अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल और सर्जिकल उपकरणों के साथ-साथ कुछ रसायनों सहित कम से कम एक दर्जन क्षेत्रों में टैरिफ में कटौती पर विचार कर रहा है। भारत के तीन सरकारी अधिकारियों ने कहा कि यह कटौती नई दिल्ली की घरेलू उत्पादन योजनाओं के अनुरूप है।

नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि उन वस्तुओं के लिए रियायतों पर विचार किया जा रहा है जो भारत मुख्य रूप से अमेरिका से प्राप्त करता है या अधिक खरीदने की क्षमता रखता है। जैसे डिश एंटेना और लकड़ी का गूदा। उम्मीद है कि मोदी इस सप्ताह ट्रम्प के साथ टैरिफ पर चर्चा करेंगे। वैसे भारत संभावित लघु व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए भी तैयार है।

एक अन्य अधिकारी का कहना है कि शुरुआती यात्रा से अमेरिका और चीन के बीच होने वाली व्यापार युद्ध जैसी स्थिति से बचने की उम्मीद है। ट्रम्प ने चीनी आयात पर 10% का व्यापक टैरिफ लगाया तो बीजिंग ने अमेरिकी ऊर्जा पर शुल्क लगातार इसका जवाब दिया। 

अधिकारी अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहते क्योंकि वे मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। भारत के व्यापार मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय ने आधिकारिक कार्य दिवसों के बाहर ईमेल से भेजे गए टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।

मोदी और ट्रम्प के बीच आगामी बैठक व्यापार, रक्षा सहयोग और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित होगी लेकिन हाल ही में अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन का मुद्दा गर्गा गया है और वार्ता में प्राथमिकता पर है। 

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