ADVERTISEMENTs

श्रीराम कृष्णन को व्हाइट हाउस में AI एडवाइजर बनाने पर छिड़ी बहस, मस्क-रामास्वामी बचाव में उतरे

श्रीराम कृष्णन को व्हाइट हाउस में सीनियर एआई पॉलिसी एडवाइजर बनाए जाने पर एमएजीए के धुर दक्षिणपंथियों और कानूनी इमिग्रेशन के पैरोकारों के बीच बहस छिड़ गई है। 

(दाएं से) विवेक रामास्वामी, श्रीराम कृष्णन और एलन मस्क। / Image- X/Wikipedia

भारतीय अमेरिकी आंत्रप्रेन्योर श्रीराम कृष्णन को व्हाइट हाउस में सीनियर एआई पॉलिसी एडवाइजर बनाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस के बीच एलन मस्क और विवेक रामास्वामी ने उनका बचाव किया है। 

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आगामी सरकार में श्रीराम कृष्णन को अहम पद दिए जाने पर एमएजीए (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) आंदोलन के धुर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता और कानूनी इमिग्रेशन के पैरोकारों के बीच गरमागरम बहस हो रही है। 

एमएजीए के कट्टरपंथी कृष्णन की नियुक्ति का विरोध करते हुए उन पर इमिग्रेशन सुधारों की वकालत करके 'अमेरिका फर्स्ट' एजेंडे को धोखा देने का आरोप लगा रहे हैं। रूढ़िवादी टिप्पणीकार लौरा लूमर ने ग्रीन कार्ड के लिए देशों के लिए तय विशिष्ट सीमा हटाने के उनके बयान की खुलकर आलोचना की है।

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कृष्णन का बचाव करते हुए अमेरिका की प्रतिस्पर्धी बढ़त कायम रखने में वैश्विक प्रतिभाओं के महत्व पर जोर दिया। ट्रम्प के करीबी सहयोगी मस्क ने एक्स पर कहा कि  आप लोग क्या चाहते हैं कि अमेरिका जीते या हार जाए? यदि आप दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को अपने यहां नहीं लाएंगे तो यह अमेरिका की हार होगी। मुझे इतना ही कहना था।

एलन मस्क ने कहा कि अमेरिका में कुशल इंजीनियरों की काफी कमी है, खासकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सेमीकंडक्टर जैसे सेक्टरों में। उन्होंने हालात की तुलना खिलाड़ियों की टीम से करते हुए तर्क दिया कि यदि आप चाहते हैं कि आपकी टीम चैंपियनशिप जीते तो आपको शीर्ष प्रतिभाओं की अपने यहां लाने की जरूरत होगी चाहे वो कहीं की भी हों। 

उद्यमी और राजनीतिक टिप्पणीकार विवेक रामास्वामी ने एलन मस्क की बात का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिका के सांस्कृतिक मानदंड अक्सर अकादमिक और तकनीकी उपलब्धियों को कम करके आंकते हैं, खासकर एसटीईएम क्षेत्रों में। 

उन्होंने लिखा कि हमारी अमेरिकी संस्कृति ने बहुत लंबे समय तक उत्कृष्टता पर सामान्यता को बढ़ावा दिया है। अगर हम समस्या को ठीक करने के बारे में वाकई गंभीर हैं तो हमें सच्चाई का सामना करना होगा।

रामास्वामी ने शीर्ष टेक कंपनियों में विदेशी मूल के इंजीनियरों की कमी के लिए प्रतिभाओं की कमी नहीं बल्कि ऐसी संस्कृति को जिम्मेदार ठहराया जो उन्हें बढ़ावा देने में विफल हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में कड़ी मेहनत, नवाचार और तकनीकी शिक्षा पर नए सिरे से फोकस करने ध्यान की जरूरत है। 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related