नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (NAPA) ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को सम्मान देने के लिए उनके नाम पर शिक्षण संस्थान और मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग की है। संगठन ने इस बात पर जोर दिया है कि ये कदम डॉ. सिंह की एक विद्वान, अर्थशास्त्री और राजनेता के तौर पर विरासत को आगे बढ़ाएगा और साथ ही सिख सिद्धांतों का भी पालन करेगा।
NAPA के कार्यकारी निदेशक सतनाम सिंह चहल ने एक बयान जारी करके ऐसे सम्मानों के महत्व पर जोर दिया जो समाज के दिशा दिखाए। चाहल ने कहा, 'डॉ. मनमोहन सिंह का उल्लेखनीय योगदान शिक्षा, सेवा और सामाजिक कल्याण जैसे सिख धर्म के मूल्यों को दर्शाता है।' उन्होंने फैसला लेने वालों से ऐसे प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता देने का आग्रह किया जो इन मूल्यों को दिखाएं।
धार्मिक पहलू पर बात करते हुए चहल ने बताया कि सिख धर्म में मूर्ति पूजा या भौतिक प्रतीकों की पूजा वर्जित है। उन्होंने कहा, 'सिख धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार, पूजा सिर्फ सर्वशक्तिमान के प्रति होती है। किसी भी भौतिक प्रतिनिधित्व या स्मारक को भक्ति का विषय नहीं बनना चाहिए।' उन्होंने कहा कि 'हम उन लोगों से आग्रह करते हैं जो डॉ. मनमोहन सिंह को सम्मानित करना चाहते हैं, वे ऐसे संस्थान स्थापित करें जो उनके ज्ञान, समानता और जनसेवा के प्रति जीवनभर के समर्पण को दर्शाते हों।'
NAPA ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा और स्वास्थ्य केंद्र बनाना डॉ. सिंह के मूल्यों का सम्मान करता है और यह सुनिश्चित करता है कि उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहे। संगठन ने समुदाय के सदस्यों, संगठनों और सरकारों से ऐसे प्रयासों में सहयोग करने का आह्वान किया जो सिख सिद्धांतों को बनाए रखते हुए डॉ. सिंह की विरासत को आगे बढ़ाएं।
डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और अपने नेतृत्व और आर्थिक सुधारों के लिए व्यापक रूप से सम्मानित थे। 26 दिसंबर, 2024 को 92 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। डॉ. सिंह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
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