राकेश मल्होत्रा , अध्यक्ष , ग्लोबल इंडियन डायस्पोरा फाउंडेशन , शिकागो
हर बार जब नया साल दस्तक देता है, तो वह अपने साथ नई उम्मीदें, नए सपने और अनगिनत संभावनाओं का संसार लेकर आता है। यह समय होता है आत्ममंथन का, बीते साल की उपलब्धियों और असफलताओं से सीखने का, और अपने जीवन को नई दिशा देने का, लेकिन यह भी सच है कि केवल नए कैलेंडर से जीवन में बदलाव नहीं आता। अगर हम वास्तव में नए साल से नई खुशियां, उम्मीदें और प्रगति चाहते हैं, तो हमें स्वयं को बदलना होगा।
साहस का दीप, सपनों का आकाश,
संकल्पों का संगीत, प्रयास का विश्वास।
नव वर्ष 2025 का अभिनंदन करें,
नव उमंग, नव चेतना के संग चलें।
कुछ नया करने का संकल्प लें
नवीनता जीवन की धारा है। जब तक हम कुछ नया नहीं करते, हमारी यात्रा एक ठहरी हुई नदी की तरह हो जाती है। नए साल में कुछ ऐसा करें जो आपने पहले कभी न किया हो। यह एक नई भाषा सीखना हो सकता है, एक किताब लिखने का सपना पूरा करना, या किसी नई तकनीक में महारत हासिल करना। नया साल हमें यही संदेश देता है कि जो अनछुआ है, उसे छूने का साहस करें।
चुनौतियों को स्वीकार करें
हर दिन को एक नई चुनौती के रूप में देखें। जब हम चुनौतियों को स्वीकार करते हैं, तो हमारी क्षमताएं विस्तार पाती हैं। अपनी सीमाओं को तोड़ें और खुद को उन ऊंचाइयों तक ले जाएं जिनके बारे में आपने कभी सोचा भी न हो। याद रखें, चुनौतियां हमारी ताकत को परिभाषित करती हैं और हमें नए अवसरों के लिए तैयार करती हैं।
स्वयं में बदलाव लाए, नई राहें अपनाएं,
हर चुनौती को प्रगति का अवसर बनाएं।
सीमाओं से बाहर अपनी सोच को बढ़ाएं,
नए संकल्पों से सारा आकाश गूँज जाए।
सीखने का सिलसिला कभी न रोकें
ज्ञान ही वह प्रकाश है जो अंधकार को मिटाता है। अपने कौशल में निखार लाएं और नई चीजों को सीखने के लिए हमेशा तत्पर रहें। चाहे वह तकनीकी क्षेत्र हो, रचनात्मकता का संसार हो, या व्यक्तिगत विकास का मार्ग, हर क्षेत्र में कुछ नया जोड़ने का प्रयास करें। जब आप हर दिन कुछ नया सीखेंगे, तो आपका जीवन एक अनवरत प्रगति का प्रतीक बन जाएगा।
अतिरिक्त प्रयास करें
सपनों को साकार करने के लिए केवल इच्छा शक्ति पर्याप्त नहीं है। हमें अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर निकलें और उन रास्तों पर चलें जो आपको आपके लक्ष्यों के करीब ले जाएं। जब आप अपनी सीमाओं को बढ़ाने का साहस करेंगे, तभी नया साल आपके लिए खुशहाली और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।
कुछ अनोखा सीखें,कुछ नया करें,
ज्ञान की धारा में हर पल बहते जाएं ।
संघर्ष के द्वार पर साहस से हो खड़े,
प्रयास के अनगिनत दीपक जल पड़े।
कौशल में लाएं चमक का उजास,
नई तकनीकों से जोड़ें अपना विश्वास।
अनछुए क्षेत्रों की करें मन से तलाश,
हर दिशा में फैलाए सफलता का प्रकाश।
सकारात्मक सोच का दामन थामें
नकारात्मक सोच हमारे विकास की सबसे बड़ी बाधा है। यह जीवन की उस धारा को अवरुद्ध करती है, जो हमें अपने लक्ष्यों तक ले जा सकती है। श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान कृष्ण कहते हैं:
उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत्।
आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः।।
(अध्याय 6, श्लोक 5)
इसका अर्थ है कि व्यक्ति को अपने प्रयासों से खुद को ऊपर उठाना चाहिए और कभी भी अपने मन को गिरने नहीं देना चाहिए, क्योंकि हमारा मन ही हमारा मित्र है और यही हमारा शत्रु भी बन सकता है।
नए साल में हर परिस्थिति में सकारात्मकता ढूंढें। कठिनाइयों में अवसर देखें और असफलताओं को सीखने का माध्यम बनाएं। हर समस्या में समाधान की संभावना को पहचानें। जब हम अपने दृष्टिकोण को सकारात्मकता और आत्मविश्वास से भर देंगे, तभी हम सही मायनों में अपने जीवन को बदलने की शक्ति अर्जित कर पाएंगे। सकारात्मक सोच न केवल हमारी आंतरिक शांति को बढ़ाती है, बल्कि यह हमारे सपनों को साकार करने का आधार भी बनती है।
नव वर्ष का संदेश
नव वर्ष 2025 एक नई सुबह की तरह है, जो हर क्षण हमें प्रेरित करती है। यह साल हमें अपनी क्षमताओं को पहचानने और उन्हें सही दिशा में लगाने का मौका देता है। अपने सपनों को साकार करने के लिए यह समय सबसे उपयुक्त है। अपने भीतर के आलस्य को त्यागें, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ें और अपने जीवन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।
परिवर्तन ही प्रगति का दृढ़ आधार,
जो थामे इसे, उसका निश्चित उद्धार।
नव वर्ष तभी लाएगा खुशहाली,
जब हर कदम में हो परिश्रम की लाली।
तो उठो, जागो, और थाम लो दिशा,
बनाओ हर दिन नई प्रेरणा की रचना।
नई सुबह का सूरज तुम्हें पुरजोर पुकारे,
खुशहाली का गीत तुम्हारे संग गुनगुनाए।
तो इस नव वर्ष में, खुद को बदलें, कुछ नया करें, सीमाओं को तोड़ें और अपने सपनों को सच करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करें। जब आप ऐसा करेंगे, तो यह साल आपके लिए उम्मीदों, खुशियों और समृद्धि से भर जाएगा। यह साल आपकी कहानी का एक उज्जवल अध्याय बनेगा।
नव वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं!
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