ADVERTISEMENTs

नीता आहूजा की नई उड़ान, विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी की मेडिकल डीन बनीं

डॉ. नीता आहूजा गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल कैंसर, बायोमार्कर डेवलपमेंट और एपिजेनेटिक्स पर रिसर्च में अग्रणी मानी जाती हैं।

नीता आहूजा इस वक्त येल यूनिवर्सिटी में सर्जरी विभाग की चेयरपर्सन हैं। / courtesy photo

अमेरिका के मैडिसन स्थित विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी (UW) ने भारतीय-अमेरिकी सर्जन और वैज्ञानिक डॉ. नीता आहूजा को स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ की नई डीन और वाइस चांसलर (मेडिकल अफेयर्स) नियुक्त किया है। 

नीता आहूजा इस वक्त येल यूनिवर्सिटी में सर्जरी विभाग की चेयरपर्सन हैं। वह येल के 200 वर्षों के इतिहास में यह पद संभालने वाली पहली महिला हैं। इससे पहले, उन्होंने जॉन्स हॉपकिन्स हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग का नेतृत्व किया था।

नीता आहूजा विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी में अपनी नई भूमिका में मेडिकल शिक्षा, अनुसंधान और क्लीनिकल केयर मामलों की जिम्मेदारी संभालेंगी और UW हेल्थ के साथ सहयोग को मजबूत बनाएंगी। 

UW–मैडिसन की चांसलर जेनिफर एल. मनूकिन ने कहा कि हम नीता आहूजा का विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी में स्वागत करते हुए बेहद उत्साहित हैं। हमें विश्वास है कि उनकी मेडिकल विशेषज्ञता, शोध में वैश्विक पहचान और प्रशासनिक क्षमताएं मेडिकल व पब्लिक हेल्थ में विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।

डॉ. आहूजा गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल कैंसर, बायोमार्कर डेवलपमेंट और एपिजेनेटिक्स पर रिसर्च में अग्रणी मानी जाती हैं। उन्होंने 20 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय क्लीनिकल ट्रायल्स का नेतृत्व किया है। वह Stand Up To Cancer कंसोर्टियम की एपिजेनेटिक थेरेपी पहलों में भी अहम भूमिका निभा चुकी हैं।

भारत में जन्मी नीता आहूजा 8 साल की उम्र में अमेरिका आ गई थीं। उन्होंने ड्यूक यूनिवर्सिटी से मेडिकल डिग्री हासिल की और जॉन हॉपकिन्स में सर्जिकल ट्रेनिंग पूरी की। बाद में वह फैकल्टी में भी शामिल हुईं।

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related