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प्रो.अरविंद नागुलू को NSF करियर अवार्ड, क्वांटम कंप्यूटिंग में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे

प्रोफेसर अरविंद नागुलू को यह पुरस्कार उनके प्रोजेक्ट क्रायोजेनिक-CMOS एंड सुपरकंडक्टिंग सर्किट्स फॉर स्केलेबल क्वांटम सिस्टम्स के लिए प्रदान किया गया है।

अरविंद नागुलू बोस्टन की नॉर्थ-ईस्टर्न यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। / photo Courtesy LinkedIn

बोस्टन की नॉर्थ-ईस्टर्न यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर अरविंद नागुलू को एनएसएफ करियर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उन्हें उनके प्रोजेक्ट क्रायोजेनिक-CMOS एंड सुपरकंडक्टिंग सर्किट्स फॉर स्केलेबल क्वांटम सिस्टम्स के लिए  प्रदान किया गया है।

पांच लाख डॉलर की इनामी राशि वाला यह पुरस्कार प्रो. अरविंद नागुलू के शोध की अहमियत को दर्शाता करता है जिसमें क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है।

नागुलू का शोध कम लागत और कम ऊर्जा खपत वाले क्रायोजेनिक चिप्स बनाने पर केंद्रित है। यह इतने छोटे होंगे कि हजारों क्यूबिट्स को सपोर्ट करने वाले क्वांटम सिस्टम्स को स्केल कर सकेंगे। 

उनका यह प्रयास क्वांटम कंप्यूटिंग की मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर बाधा को दूर करके लागत घटाने और दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित है। इससे सैटलाइट कम्युनिकेशंस, स्पेस टेलीस्कोप और क्रायोजेनिक इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

नागुलू ने बताया कि 2022 में क्वांटम कंप्यूटिंग मार्केट 13 अरब डॉलर से अधिक था। 2032 तक इसके 143 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है। इस नए डेवलपमेंट से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्रिप्टोग्राफी, वित्तीय धोखाधड़ी का पता लगाने और ऊर्जा अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति होने की उम्मीद है।

नागुलू का शोध केवल चिप डेवलपमेंट तक सीमित नहीं है। उनकी टीम पारंपरिक भारी फेराइट सर्कुलेटर्स को सुपरकंडक्टिंग विकल्पों से बदलने पर भी काम कर रही है जिससे क्वांटम हार्डवेयर की दक्षता और बढ़ाई जा सकती है। 

नागुलू इसके अलावा एक इंटरडिसिप्लीनरी अंडरग्रैजुएट कोर्स की योजना भी बना रहे हैं जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को क्वांटम कंप्यूटिंग से जोड़ेगा। इसका उद्देश्य अगली पीढ़ी के इंजीनियरों को क्वांटम टेक्नोलोजी को आगे ले जाने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है। 

अरविंद नागुलू ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एनालॉग डिजाइन में पीएचडी किया है। इससे पहले उन्होंने आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स एंड वीएलएसआई में एमटेक किया। 
 

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