न्यू यॉर्क के मॅरिक में सैनफोर्ड एच. काल्हून (Sanford H. Calhoun) हाई स्कूल में नौवीं क्लास के बच्चों को हिंदू धर्म की जानकारी दी गई। ये काम किया भारतीय मूल के परवीन चोपड़ा ने। परवीन वेलनेस और स्पिरिचुअलिटी मैगजीन ALotusInTheMud.com के फाउंडर हैं। 24 मार्च को हुई ये प्रेजेंटेशन स्कूल के मल्टी-फेथ फोरम का हिस्सा थी। इस फोरम का मकसद दुनिया के अलग-अलग बड़े धर्मों के बारे में समझ बढ़ाना है।
हर ग्रुप से बात करते हुए परवीन ने हिंदू धर्म की बुनियादी बातें समझाईं। उन्होंने बच्चों को ओम और स्वास्तिक जैसे पवित्र प्रतीकों के बारे में बताया। ये भी समझाया कि नाजी हाकेनक्रुज से इसे कैसे अलग पहचाना जाए।उन्होंने ये भी बताया कि योग हिंदू धर्म से ही निकला है और इसमें ध्यान (मेडिटेशन) एक बहुत ही अहम हिस्सा है। अपनी बात खत्म करने से पहले उन्होंने बच्चों को थोड़ा सा गाइडेड मेडिटेशन भी करवाया।
हिंदू धर्म के बारे में कुछ आम गलतफहमियों को दूर करते हुए चोपड़ा ने बताया कि ये धर्म जीवन के चार उद्देश्यों- धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की बात करता है। उन्होंने बताया कि पैसों की चाहत और अपनी इच्छाओं को पूरा करना धर्म (नीति) के अनुरूप होना चाहिए, तभी मोक्ष (मुक्ति) मिलती है।
उन्होंने बच्चों को हिंदू धर्म और भारतीय उपमहाद्वीप से निकले तीन अन्य संप्रदायों- बौद्ध, जैन और सिख में कुछ समान बातों के बारे में भी बताया। इनमें जन्म-मरण का चक्र (पुनर्जन्म-कर्म सिद्धांत) और इसी जीवन में मुक्ति पाने की चाहत जैसी समानताओं से परिचित कराया।
जाति व्यवस्था से जुड़े एक टीचर के सवाल का जवाब देते हुए चोपड़ा ने माना कि इसने बहुत लंबे समय तक भारतीय समाज को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन उन्होंने साफ किया कि शास्त्रों के अनुसार, इसे पहले वर्ण व्यवस्था कहा जाता था। ये सामाजिक और आर्थिक भूमिकाओं पर आधारित थी, जो समय के साथ कठोर और पीढ़ी दर पीढ़ी चलती गई।
मजेदार बात ये है कि चोपड़ा ने देखा कि बहुत कम बच्चों को अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे.डी. वैंस का नाम पता था। उन्हें इस बात की भी जानकारी नहीं थी कि उनकी पत्नी ऊषा वेंस हिंदू धर्म का पालन करती हैं।
अपने अनुभव के बारे में बताते हुए चोपड़ा ने कहा, 'एक कॉफी और बेगल ब्रेक के अलावा छह घंटे लगातार खड़े होकर बात करना... मुझे दुनियाभर के स्कूल टीचर्स को सलाम करने पर मजबूर कर देता है। वे ये काम रोज करते हैं।' इसके अलावा ईसाई धर्म पर रिवरेंड टिम टेनक्ले, शेरील बेनेट और इस्लाम पर डेजी खान ने प्रेजेंटेशन दिया। स्कूल के सोशल स्टडीज के चेयरपर्सन टिमोथी डोलन ने बच्चों को गाइड किया।
ये मल्टी-फेथ फोरम कुछ साल पहले शुरू हुआ। इसका मकसद ये था कि नौवीं कक्षा के ग्लोबल हिस्ट्री और जियोग्राफी पाठ्यक्रम के हिस्से के तौर पर बच्चों की अलग-अलग धर्मों के बारे में समझ को बेहतर बनाया जा सके। हर बच्चा लाइब्रेरी में दो पीरियड का सेशन अटेंड करता है और यहूदी धर्म, ईसाई धर्म, इस्लाम, हिंदू धर्म और सिख धर्म के बारे में अपनी समझ को गहरा करता है।
बच्चों के विचार:
ऐसे ही कार्यक्रम सफोक काउंटी के दो स्कूलों- मर्फी जूनियर हाई स्कूल (11 मार्च) और जेलिनस जूनियर हाई स्कूल (18 मार्च) में भी सभी नौवीं कक्षा के बच्चों के लिए आयोजित किए गए थे। भारतीय समुदाय की तरफ से, अनु बिन्द्रा (सिख धर्म), नरेंद्र कपूर और संगीता कुलकर्णी (हिंदू धर्म) ने प्रेजेंटेशन दिया।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login