अमेरिका-भारत बिजनेस काउंसिल (USIBC) ने 20 जनवरी को प्रदीप करुतुरी को पॉलिसी डायरेक्टर नियुक्त करने का ऐलान किया। ये काउंसिल के एनर्जी, एनवायरमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कामकाज को देखेंगे। ऊर्जा और पावर सेक्टर में दस साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले प्रदीम इन अहम क्षेत्रों में निवेश, व्यापार और पॉलिसी में अमेरिका और भारत के बीच मजबूत रिश्ता बनाने पर फोकस करेंगे।
सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में, USIBC ने करुतुरी की नियुक्ति पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'हमें प्रदीप करुतुरी का USIBC में एनर्जी, एनवायरमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पॉलिसी डायरेक्टर के तौर पर स्वागत करते हुए बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने कई राज्यों में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम और पॉलिसी के माहौल को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है।और काफी असरदार वकालत की है।'
केंद्र और राज्य दोनों स्तर के लोगों के साथ काम करके करुतुरी ने भारत के बदलते ऊर्जा परिदृश्य को ढालने में अहम योगदान दिया है। उनके पिछले कामों में ओएमआई फाउंडेशन में सेंटर फॉर क्लीन मोबिलिटी के प्रमुख, बाउंस में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और पब्लिक पॉलिसी के असिस्टेंट मैनेजर और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के कार्यालय में कंसल्टेंट और प्रोजेक्ट हेड शामिल हैं। वो इंटरनेशनल अंटार्कटिका यूथ एम्बेसडर भी रहे हैं, जिससे ग्लोबल पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दिखती है।
अपनी नई भूमिका पर टिप्पणी करते हुए करुतुरी ने लिंक्डइन पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए लिखा, 'मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मैं USIBC में एनर्जी, एनवायरमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के डायरेक्टर के तौर पर जुड़ गया हूं। एक ऐसे संगठन का हिस्सा बनना मेरे लिए सम्मान की बात है जो निवेश, व्यापार और पॉलिसी के जरिए अमेरिका-भारत की साझेदारी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाता है।' उन्होंने आगे कहा, मैं महत्वपूर्ण बदलाव के रास्ते बनाने के लिए दोनों देशों के लोगों के साथ मिलकर काम करने का इंतजार कर रहा हूं। USIBC का गरमजोशी से स्वागत करने के लिए शुक्रिया।'
करुतुरी ने दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से अर्बन एनवायरमेंट मैनेजमेंट और लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया हैं। वो इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, महत्वपूर्ण खनिजों और सप्लाई चेन की मजबूती पर अक्सर लिखते रहते हैं। यह जियो-एनर्जी परिदृश्य के प्रति उनके बहुआयामी नजरिए को दिखाता है।
उम्मीद की जाती है कि करुतुरी की विशेषज्ञता और दूरदर्शिता USIBC के मिशन को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। इससे ऊर्जा, पर्यावरण और बुनियादी ढांचे में अमेरिका-भारत के सहयोग को और मजबूत किया जा सके और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जा सके।
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