भारत के प्रयागराज में अगले साल 12 जनवरी से 26 फरवरी तक कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है। यह दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। संगम नगरी में होने वाले इस महाविशेष आयोजन में हिस्सा लेने के लिए आध्यात्मिक गुरुओं, साधकों और तीर्थयात्रियों की आमद शुरू हो गई है।
45 दिनों तक चलने वाले इस महाउत्सव में 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है। तैयारियों का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यहां का दौरा कर चुके हैं। यूपी सरकार भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं।
कुंभ स्नान की तारीखें
2025 के पहले महीने में लगने वाला पूर्ण कुंभ धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से काफी दुर्लभ है। कुंभ का आयोजन हर 12 साल में होता है। ये बारी बारी से चार जगहों पर प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक में लगता है। इस बार प्रयागराज में इसका आयोजन हो रहा है।
कुंभ का संबंध बृहस्पति ग्रह से माना जाता है। बृहस्पति ग्रह का एक वर्ष पृथ्वी पर 12 साल के बराबर होता है। महाकुंभ बृहस्पति ग्रह के 12 वर्ष यानी पृथ्वी के 144 वर्षों के बाद सिर्फ प्रयागराज में ही आयोजित होता है।
प्रयागराज कुंभ के दौरान छह शाही स्नान होंगे। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा पर, 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर, 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर, 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा पर और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर।
वैसे तो पूरे कुंभ मेले के दौरान काफी भीड़ होती है। लेकिन शाही स्नान के दिनों पर भीड़ का सैलाब उमड़ता है। चार अर्धकुंभ की यात्रा कर चुकीं अनीता अनेजा सलाह देती हैं कि शाही स्नान की तिथियों से एक दिन पहले और एक दिन बाद में यात्रा करने से बचना चाहिए।
गंगा में डुबकी और तैयारियां
ग्लोबल लीजर डिजाइनर्स एनेक्डोट्स की सह-संस्थापक और पार्टनर अदिति चड्ढा बताती हैं कि कुंभ में यात्रियों की सुविधा के लिए बहुत सी अतिरिक्त ट्रेनें और उड़ानों की व्यवस्था की गई है। रहने-खाने की व्यवस्थाएं भी की गई हैं।
कुंभ मेले में अति विशिष लोगों का आवागमन भी होता है। वीआईपी के आने के दौरान कई रास्ते अचानक बंद कर दिए जाते हैं। ऐसे में यात्रियों को लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ सकती है। टॉयलेट जैसी सुविधाओं तक पहुंचने के लिए भी काफी चलना पड़ सकता है। रूबरू वॉक के अनुपम सिंह विदेश से आने वाले लोगों को अच्छे जूते पहनने और सही रवैया रखने की सलाह देते हैं।
अनेजा कहती हैं कि जनवरी का मौसम काफी ठंडा होता है। मेरी योजना गंगा में डुबकी लगाने की है। ऐसे में मैं सलवार कमीज के नीचे पहनने के लिए हल्का वेटसूट खरीदने की सोच रही हूं। बहुत से लोग गंगा में स्नान के बाद अपने पहने हुए गीले कपड़ों को वहीं छोड़ देते हैं। ऐसे में आपको उसी हिसाब से तैयारी करनी चाहिए।
डॉ. अमिय चंद्रा कहते हैं कि अगर आप कुंभ में जाएं तो गंगा में डुबकी जरूर लगानी चाहिए। इसका अनुभव अतुलनीय है। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको इसका पछतावा होगा। वह सलाह देते हैं कि सर्दियों के कपड़े लेकर आएं। सुबह-शाम काफी ठंड रहती है। ऐसे में बॉम्बर जैकेट के साथ स्कार्फ और टोपी लाना अच्छा रहेगा।
ट्रैवल इंश्योंरेंस की सलाह
डॉ पूर्णिमा मारवाह सलाह देती हैं कि विदेशी यात्रियों को यात्रा बीमा भी करवा लेना चाहिए। वह खुद बिना ट्रैवल इंश्योरेंस के यात्रा नहीं करती हैं। इससे मेडिकल समेत अन्य कई इमरजेंसी में काफी मदद मिलती है। यात्रा से पहले एमएमआर, टेटनस और इन्फ्लूएंजा जैसे टीके लगवाएं। विश्व स्वास्थ्य संगठन हेपेटाइटिस ए, टाइफाइड और हैजा के टीकाकरण की भी सलाह देता है।
कहां ठहरें, कैसे बुकिंग करें
कुंभ के दौरान यात्रियों को लक्जरी टेंट, किफायती कैंप, होटल, धर्मशाला और होमस्टे जैसे कई विकल्प मिलते हैं। कई ग्लोबल कंपनियां भी इनकी बुकिंग करती हैं। एनेक्डोट्स की अदिति चड्ढा को अपने ग्राहकों को वाराणसी की देव दीपावली, नागालैंड के हॉर्नबिल फेस्टिवल और कोलकाता के दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहारों का दौराक रने का अनुभव है।
अदिति ने अमेरिका से कुंभ में आने वाले यात्रियों के लिए शानदार टीयूटीसी और शिवदया कैंप बुक किए हैं। इनके कमरों के साथ अटैच्ड बाथरूम भी हैं। रूबरू वॉक यात्रियों को निरंजनी अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा और यूपी टूरिज्म के टेंट विक्रेताओं से जोड़ने में मदद कर सकता है।
वाराणसी भी घूमने जाएं
अनुपम सिंह कहते हैं कि प्रयागराज आने वालों को कम से कम दो अनुभव जरूर करने चाहिए, एक सैर और दूसरी नाव की सवारी। अगर आप विशेषज्ञ के साथ प्रीमियम वॉक करते हैं तो आपको मेला ग्राउंड और अखाड़ों को करीब से देखने का अनुभव मिलेगा। साधुओं से बात करने और भोजन का भी अवसर मिलेगा। नाव में बैठकर आप कुंभ की भव्यता देख सकते हैं। कुंभ की कहानी और इसके वैज्ञानिक कारणों को भी समझ सकते हैं।
यूपी टूरिज्म के आधिकारिक विक्रेता रूबरू वॉक के अनुपम सिंह बताते हैं कि प्रयागराज आएं तो वाराणसी भी जाएं। वहां काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करें। प्रसिद्ध टमाटर चाट का स्वाद लें। यूपी सरकार दोनों शहरों के बीच 2-3 मिनट के अंतराल पर मुफ्त बसें चला रही है। सिंह विदेश से पहली बार यात्रा करने वालों को ड्राइवर के साथ निजी कार के इस्तेमाल की सलाह देते हैं।
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