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पर्ड्यू यूनिवर्सिटी का भारत में दो नए सेंटर खोलने का ऐलान, सेमीकंडक्टर पर फोकस

इन सेंटरों में दोहरे डिग्री प्रोग्राम शुरु किए जा सकते हैं। साथ ही ये सरकार और उद्योग जगत के बीच सहयोग का केंद्र बिंदु बन सकते हैं।

पर्ड्यू के प्रेसिडेंट मुंग च्यांग (बीच में) राजदूत एरिक गार्सेटी (बाएं) और अमेरिकी सेन टॉड यंग के साथ। / Purdue University photo/John Underwood)

पर्ड्यू विश्वविद्यालय आईआईटी हैदराबाद के साथ साझेदारी में भारत में सेंटर फॉर एजुकेशन एंड एंगेजमेंट का नया सेंटर और यूएस-इंडिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन सेमीकंडक्टर्स (सीईएस) खोलने जा रहा है। 

अमेरिकी सीनेटर टॉड यंग और भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी की कैंपस विजिट के दौरान इसकी घोषणा की गई। ये पहल भारत के शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में पर्ड्यू की निरंतर वृद्धि का संकेत है।

पर्ड्यू के प्रेसिडेंट मुंग चियांग ने यंग और गार्सेटी के साथ इन सेंटरों की स्थापना के लिए आधिकारिक घोषणा पर हस्ताक्षर किए। इन नए केंद्रों का उद्देश्य भारत के साथ पर्ड्यू के 125 साल पुराने संबंधों को आगे बढ़ाना है।

गार्सेटी ने इस अवसर पर कहा कि पर्ड्यू को भारत में अच्छा समर्थन मिला है और उसने भी भारतीय उद्योग व शिक्षा जगत को अपना समर्थन दिया है। यंग ने कहा कि इस तरह की फॉरवर्ड केंद्रित सोच तकनीकी क्षेत्र में दोतरफ़ा व्यापार एवं निवेश को प्रोत्साहित करने की नींव रख सकती है, खासतौर से सेमीकंडक्टर और एआई जैसे क्षेत्रों में।

इन सेंटरों में दोहरे डिग्री प्रोग्राम शुरु किए जा सकते हैं। साथ ही ये सरकार और उद्योग जगत के बीच सहयोग का केंद्र बिंदु बन सकते हैं। ये पहल पर्ड्यू विश्वविद्यालय में पढ़ रहे भारत के 3,000 से अधिक छात्रों का सपोर्ट करेगी। 

अमेरिका-भारत सीईएस सेमीकंडक्टर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगा और इंडस-चिप्स गठबंधन के जरिए शिक्षा, उद्योग एवं सरकारी हितधारकों के सहयोग से उच्च प्रभाव वाले नवाचार को बढ़ावा देगा। 

पर्ड्यू की ये पहल भारत के साथ द्विपक्षीय प्रौद्योगिकी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए शुरू की गई महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों पर यूएस-इंडिया इनिशिएटिव (आईसीईटी) के साथ मेल खाती है।

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