गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर ने 20 मार्च को वाशिंगटन डीसी का अपना दौरा खत्म किया। ये दो दिन का दौरा हैप्पीनेस (आनंद), माइंडफुलनेस (ध्यान) और वेल बीइंग (अच्छी सेहत) पर केंद्रित था, जिसने लोगों की जिंदगी में काफी बदलाव ला दिया।
हजारों लोग कार्यक्रम में मौजूद थे। कई लोग ऑनलाइन भी जुड़े हुए थे। गुरुदेव ने सत्वा ऐप के जरिए दुनिया भर में एक साथ ध्यान कराया। उन्होंने सेमाफोर के 'द स्टेट ऑफ हैप्पीनेस इन 2025' फोरम में भी हिस्सा लिया। वॉर्नर थिएटर में 'अनलॉकिंग हैप्पीनेस' नाम के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता भी रहे।
बेस्टसेलिंग ऑथर और हार्वर्ड के प्रोफेसर आर्थर ब्रूक्स के साथ एक दिलचस्प बातचीत में गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने खुशी और तंदुरुस्ती पाने के लिए विज्ञान और आध्यात्मिकता के मिलन पर बहुत सोचने लायक बातें कीं। उन्होंने इस इवेंट की खूबसूरत तस्वीरें X (पहले Twitter) पर भी शेयर कीं और लिखा, 'खुशी का पीछा करने से आप दुखी हो सकते हैं। लेकिन जब आपको पता चलता है कि आप दूसरों को खुशी देने के लिए यहां हैं, तो आप पूरे हो जाते हैं। वाशिंगटन डीसी में @arthurbrooks के साथ हैप्पीनेस पर बातचीत।'
अपने एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'वाशिंगटन डीसी में वर्ल्ड हैप्पीनेस डे पर @Gallup और @Semafor द्वारा वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के लॉन्च पर 'द स्टेट ऑफ हैप्पीनेस 2025' पर बात की। दुनिया भर में खुशी की रैंकिंग बनाना देशों में जागरूकता बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है। लेकिन मुझे भारत की रैंकिंग से असहमति है, क्योंकि कुछ ऐसे देश जो जंग-झगड़े में डूबे हुए हैं, उनसे भी भारत पीछे दिखाया गया है। दुनिया भर में खूब घूमने के बाद मुझे लगता है कि भारत की रैंकिंग काफी ऊपर होनी चाहिए।'
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