भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने काश पटेल को संघीय जांच ब्यूरो (FBI) का अगला निदेशक नामित करने के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के फैसले की आलोचना की है। इसके साथ ही राजा ने DOGE (सरकारी दक्षता विभाग) के व्यापक निहितार्थों पर भी चिंता जताई है। कृष्णमूर्ति इलिनोइस के 8वें जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सीएनएन से बात करते हुए कृष्णमूर्ति ने राष्ट्रीय सुरक्षा और FBI की आंतरिक स्थिरता के लिए आशंकित खतरों का हवाला देते हुए पटेल के चयन को 'परेशान करने वाला' करार दिया। उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी और बुरे लोग FBI के प्रमुख के रूप में राजनीतिक प्रतिशोध यात्रा पर जाने वाले किसी व्यक्ति की जय-जयकार कर रहे हैं।
जॉन बोल्टन और बिल बर्र सहित पटेल के पूर्व सहयोगियों की चिंताओं को रेखांकित करते हुए कृष्णमूर्ति ने नामांकन की विभाजनकारी प्रकृति पर जोर दिया। उन्होंने पटेल के FBI का नेतृत्व करने के संभावित परिणामों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि FBI में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं बाहर होने वाली हैं। वे सर्कस का हिस्सा नहीं बनना चाहते और हमें FBI में सर्वश्रेष्ठ लोगों की ज़रूरत है।
कृष्णमूर्ति ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि अमेरिकी लोग राजनीतिक प्रतिशोध का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम FBI के प्रमुख के रूप में किसी ऐसे व्यक्ति को चाहते हैं (चाहे वह रिपब्लिकन हो या डेमोक्रेट) जो अमेरिकी लोगों के हितों को पहले रखता हो, न कि डोनल्ड ट्रंप के।
कांग्रेसी प्रतिनिधि ने उम्मीद जताई कि सीनेट में द्विदलीय प्रतिरोध पटेल की पुष्टि को रोक सकता है। मुझे विश्वास है कि चार से अधिक रिपब्लिकन सीनेटर हैं जो मेरी चिंताओं और अन्य डेमोक्रेट की चिंताओं को साझा करते हैं।
पटेल के नामांकन के अलावा कृष्णमूर्ति ने DOGE पहल के बारे में भी संदेह व्यक्त किया, जिसका नेतृत्व एलन मस्क और विवेक रामास्वामी द्वारा किया जाना है। ट्रम्प द्वारा समर्थित इस पहल का लक्ष्य सरकारी खर्च में 2 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करना है। दक्षता की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए कृष्णमूर्ति ने उन चरम उपायों के प्रति आगाह किया जो सामाजिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को लक्षित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर यह सिर्फ सामाजिक सुरक्षा में कटौती और द्विदलीयता से बचने की एक कवायद है तो यह एक नॉनस्टार्टर है। कृष्णमूर्ति ने प्रतिनिधि मार्जोरी टेलर ग्रीन द्वारा DOGE उपसमिति के कथित नेतृत्व का संदर्भ देते हुए इस प्रयास में पक्षपात की आशंका की ओर भी इशारा किया। उन्होंने टिप्पणी की कि इससे आपको शायद इस प्रयास के पक्षपातपूर्ण पहलू का भी अंदाजा हो जाएगा।
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