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ट्रम्प के FBI चॉइस काश पटेल को रिपब्लिकन का समर्थन, पर डेमोक्रेट्स खेमे में इसलिए है टेंशन

ट्रम्प के वफादार काश पटेल को FBI प्रमुख बनाने के प्रस्ताव पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। डेमोक्रेट्स ने आरोप लगाया है कि ट्रम्प FBI का इस्तेमाल अपने विरोधियों के खिलाफ बदला लेने के लिए करना चाहते हैं। वहीं, रिपब्लिकन नेताओं ने पटेल का समर्थन करते हुए कहा है कि FBI में व्यापक सुधार की आवश्यकता है।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प ने 30 नवंबर को एफबीआई चीफ के तौर पर काश पटेल के नाम का ऐलान किया था। / Go Nakamura/File Photo / Reuters

1 दिसंबर को कई रिपब्लिकन सीनेटरों ने कहा कि वो नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प के FBI के मुखिया के तौर पे काश पटेल के चुनाव का समर्थन करेंगे। ये ट्रम्प के एक वफादार के लिए काफी बड़ा समर्थन है। पटेल ने खुलेआम कहा है कि जो लोग ट्रम्प के एजेंडे के खिलाफ हैं, उनको FBI से निकाल देना चाहिए। पटेल ने ये भी कहा है कि ट्रम्प के दुश्मनों के खिलाफ बदला लेने की मुहिम चलाई जानी चाहिए। ट्रम्प ने 30 नवंबर को पटेल का नाम नॉमिनेट किया था। 

हालांकि, 44 साल के पटेल को सीनेट से नियुक्ति पर मुहर मिलने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ट्रम्प के पहले कार्यकाल में, पटेल ने राष्ट्रीय खुफिया निदेशक और डिफेंस सेक्रेटरी, दोनों को सलाह दी थी। इस दौरान कुछ अनुभवी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने उनसे नाराजगी जताई थी। उन्हें अस्थिर और तत्कालीन राष्ट्रपति को खुश करने के लिए बहुत उत्सुक माना जाता था।

1 दिसंबर को कुछ डेमोक्रेट ने चिंता जाहिर की कि FBI का राजनीतिकरण हो जाएगा और ट्रम्प अपने दुश्मनों के खिलाफ इसका इस्तेमाल करेंगे। लेकिन कई सीनियर रिपब्लिकन सीनेटरों ने ट्रम्प के इस फैसले की तारीफ की। रिपब्लिकन सीनेटर बिल हेगरटी ने NBC के एक कार्यक्रम में बताया कि उन्होंने ट्रम्प को पटेल को चुनने के लिए प्रोत्साहित किया था। हेगरटी ने कहा, 'FBI में गंभीर समस्याएं हैं। अमेरिकी जनता इसे जानती है। वे व्यापक बदलाव की उम्मीद करते हैं। और काश पटेल ऐसा करने वाले इंसान हैं।' रिपब्लिकन सीनेटर टेड क्रूज ने पटेल को 'बहुत मजबूत उम्मीदवार' बताया। क्रूज ने CBS के 'फेस द नेशन' में बताया कि पटेल एक 'वास्तविक सुधारक' हैं, जो FBI में 'भ्रष्ट पक्षपातियों' को साफ करने आए हैं। 

जनवरी में जब नया अमेरिकी कांग्रेस अपना काम शुरू करेगा, तो रिपब्लिकन के पास बहुमत होगा। पटेल को नॉमिनेट करके ट्रम्प ये संकेत दे रहे हैं कि वो मौजूदा FBI डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे को हटाने की अपनी धमकी को अमल में लाने की तैयारी कर रहे हैं। माना जा रहा है क्रिस्टोफर रे का 10 साल का कार्यकाल 2027 तक नहीं चलने वाला है।

हालांकि, क्रिस्टोफर रे एक रिपब्लिकन हैं। उन्हें ट्रम्प ने 2017 में नियुक्त किया था। लेकिन बाद में उन्होंने ट्रम्प का गुस्सा मोल लिया, खासकर 2022 में ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो एस्टेट पर गुप्त सरकारी दस्तावेजों की तलाश में हुई FBI की छापेमारी के बाद। अमेरिकी रिपब्लिकन सीनेटर माइक राउंड्स ने कहा कि उन्हें इस बात का कोई आश्चर्य नहीं है कि ट्रम्प ऐसे लोगों को रखना चाहते हैं 'जिनके बारे में वो मानते हैं कि वो बहुत वफादार हैं।' हालांकि, राउंड्स ने ABC के 'दिस वीक' में रे के प्रदर्शन को लेकर कोई आपत्ति नहीं जताई और उन्हें एक अच्छा इंसान कहा।

डिक डर्बिन एक सीनियर अमेरिकी डेमोक्रेटिक सीनेटर हैं। वह पटेल की पुष्टि सुनवाई के दौरान उनसे सवाल करने वाले सीनेटरों में से एक होंगे। उन्होंने एक बयान में कहा, 'सीनेट को FBI को हथियार बनाने के इस अभूतपूर्व प्रयास को ठुकरा देना चाहिए। डोनाल्ड ट्रम्प ने बदला लेने के अभियान का वादा किया है।' 

वहीं, अनुभवी रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रासली ने X पर लिखा कि उन्हें रे के स्थान पर किसी और को देखकर खुशी होगी, लेकिन पटेल को अपनी पुष्टि सुनवाई में खुद को साबित करना होगा। ग्रासली ने कहा, 'काश पटेल को यह साबित करना होगा कि वह FBI में सुधार करेंगे और जनता का विश्वास बहाल करेंगे।' 

 

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