भारतीय-अमेरिकी अर्थशास्त्री और एमआईटी प्रोफेसर सेंथिल मुलैनाथन 11-13 नवंबर को कॉर्नेल विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और अपनी बात रखेंगे। उनके व्याख्यान मानव क्षमता को बढ़ाने और व्यवहार विज्ञान में एआई की भूमिका को लेकर है। मुलैनाथन कॉर्नेल विवि में 1993 बैच के छात्र रहे हैं। मुलैनाथन को स्वास्थ्य देखभाल, गरीबी और आपराधिक न्याय जैसे क्षेत्रों के अलावा व्यवहार संबंधी अंतर्दृष्टि के साथ कम्प्यूटेशनल विज्ञान के एक्सपर्ट के रूप में जाना जाता है।
सेंथिल मुलैनाथन का पहला व्याख्यान 11 नवंबर को "विचार के उपकरण: मानव क्षमता को बढ़ाने वाले एल्गोरिदम का निर्माण" पर आधारित होगा। इस व्याख्यान में वह मानव बुद्धि को प्रतिस्थापित करने के बजाय कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से उसे कैसे और अधिक सक्षम बनाया जाए, इस पर बात रखेंगे। मुलैनाथन ने कहा, "कंप्यूटर का समाज पर सबसे बड़ा सकारात्मक प्रभाव उन एल्गोरिदम से नहीं पड़ेगा जो हम पहले से ही सस्ता या सिलिको में करते हैं, बल्कि उन चीजों को करने से होगा जिनके बारे में इंसान सपने में भी नहीं सोच सकता है।"
अगले दिन 12 नवंबर को, मुलैनाथन का दूसरा व्याख्यान, "कम्प्यूटेशनल साइंस में व्यवहार विज्ञान को शामिल करना" है। इसमें वो एआई सिस्टम को आकार देने में व्यवहार विज्ञान की भूमिका पर चर्चा करेंगे। कॉर्नेल के कंप्यूटर साइंस कोलोक्वियम और ऑपरेशंस रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन इंजीनियरिंग (ओआरआईई) कोलोक्वियम द्वारा सह-प्रायोजित, यह चर्चा इस बात पर फोकस्ड होगी कि मानव व्यवहार को समझने से एल्गोरिथम डिजाइन और प्रदर्शन मेट्रिक्स को कैसे परिष्कृत किया जा सकता है।
13 नवंबर को वह "अर्थशास्त्र और नीति विवरण में एल्गोरिदम को शामिल करने" के साथ ही अपना व्याख्यान पूरा करेंगे। इसमें उनका फोकस अर्थशास्त्र और सार्वजनिक नीति में एआई के बढ़ते प्रभाव पर केंद्रित होगा। कानून, अर्थशास्त्र और नीति संगोष्ठी द्वारा सह-प्रायोजित, अंतिम वार्ता निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में एआई के सामाजिक निहितार्थ पर प्रकाश डालती है।
गौरतलब है कि मुलैनाथन ने आइडियाज42 की सह-स्थापना की है। यह एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो सामाजिक मुद्दों के समाधान के लिए व्यवहार विज्ञान को लागू करती है।
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