येल यूनिवर्सिटी ने भारतीय मूल के सुनील अमृत को व्हिटनी एंड बेट्टी मैकमिलन सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड एरिया स्टडीज का नया हेनरी आर. लूस डायरेक्टर नियुक्त किया है।
सुनील अमृत इतिहास के प्रोफेसर हैं। मानव प्रवास एवं पर्यावरण के इतिहास पर उनके शोध को बहुत सराहा गया है। वे येल के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में हिस्ट्री के रेणु एवं आनंद धवन प्रोफेसर हैं। वह येल स्कूल ऑफ द एनवायरनमेंट में भी पढ़ाते हैं।
सुनील अमृत साल 2020 से दक्षिण एशियाई अध्ययन परिषद के अध्यक्ष हैं, जहां उन्होंने शिक्षकों एवं छात्रों के शोध को नई दिशा दी है। येल के प्रोवोस्ट स्कॉट स्ट्रोबेल ने कहा कि येल में आने के बाद से प्रोफेसर अमृत ने कई अहम मुद्दों पर अपने विचार और मार्गदर्शन दिए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे यकीन है कि वे मैकमिलन सेंटर के मौजूदा कार्यक्रमों को और भी बेहतर बनाएंगे और येल के अलग-अलग विभागों के बीच नए सहयोग को बढ़ावा देंगे।
सुनील अमृत येल से पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे जहां उन्होंने जॉइंट सेंटर फॉर हिस्ट्री एंड इकोनॉमिक्स का नेतृत्व किया। महेन्द्र ह्यूमैनिटीज सेंटर के अंतरिम निदेशक भी रहे हैं।
उन्होंने कई चर्चित किताबें भी लिखी हैं जिनमें 'द बर्निंग अर्थ: अ हिस्ट्री' शामिल है जिसे 'द न्यू यॉर्कर' ने 2024 के जरूरी पढ़ने वाली किताबों में शामिल किया था।
सुनील अमृत को कई बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं जैसे 2017 में मैकआर्थर फैलोशिप, 2024 में फुकुओका एकेडमिक प्राइज और 2022 में डॉ. ए.एच. हेनिकेन प्राइज फॉर हिस्ट्री। इसके अलावा 2023 में उन्हें ब्रिटिश एकेडमी के इंटरनेशनल फेलो के रूप में चुना गया था।
अमृत ने अपनी नियुक्ति पर खुशी जताते हुए कहा कि मैकमिलन सेंटर ही वो वजह थी, जो मुझे येल खींच लाई। यहां के शिक्षकों और छात्रों का काम देखकर मैं हमेशा प्रभावित हुआ हूं। मैं इस केंद्र को और ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हूं।
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