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NASA के साथी निक हैग के साथ सुनीता विलियम्स ने 12 साल बाद किया स्पेसवॉक

सुनीता विलियम्स ने फिर से इतिहास रचा है। 12 साल बाद एक और स्पेसवॉक करते हुए उन्होंने अंतरिक्ष केंद्र में अहम मरम्मत कार्य पूरे किए। लेकिन इसके साथ ही अब उनका मिशन अप्रत्याशित रूप से लंबा हो गया है।

सुनीता विलियम्स ने 16 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) के बाहर स्पेसवॉक किया। / Image- Wikipedia

भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अपने NASA के साथी निक हैग के साथ मिलकर 16 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) के बाहर स्पेसवॉक किया। ये उनका 12 साल बाद पहला स्पेसवॉक था।

बिना किसी निशान वाले स्पेससूट में सुनीता और लाल पट्टियों वाले स्पेससूट में हैग ने 16 जनवरी को सुबह 8:01 बजे (ET) अपना स्पेसवॉक शुरू किया। उन्हें स्टेशन के ओरिएंटेशन कंट्रोल के लिए जरूरी रेट जायरो असेंबली को बदलना था। NICER (न्यूट्रॉन स्टार इंटीरियर कंपोजिशन एक्सप्लोरर) एक्स-रे टेलीस्कोप पर पैच लगाने थे। और एक इंटरनेशनल डॉकिंग एडॉप्टर पर एक रिफ्लेक्टर डिवाइस को अपग्रेड करना था। 

NASA ने अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, 'NASA के अंतरिक्ष यात्रियों निक हैग और सुनीता विलियम्स ने स्पेस स्टेशन के जरूरी अपग्रेड के लिए स्पेसवॉक किया। इस जोड़ी ने भविष्य में अल्फा मैग्नेटिक स्पेक्ट्रोमीटर के मेंटेनेंस के लिए जरूरी एक्सेस एरिया और कनेक्टर टूल्स की भी जांच की। ये विलियम्स का आठवां और हैग का चौथा स्पेसवॉक था।' NASA के जॉनसन स्पेस सेंटर ने इस घटना को ट्वीट करके हाईलाइट किया और अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अपने मिशन के दौरान देखे गए ऑर्बिटल सनराइज का टाइम-लैप्स वीडियो भी शेयर किया। 

दूसरा स्पेसवॉक 23 जनवरी को सुनीता और अंतरिक्ष यात्री बैरी विल्मोर द्वारा किया जाएगा। वे एक रेडियो फ्रीक्वेंसी ग्रुप एंटीना असेंबली को हटाने, सरफेस मैटेरियल के सैंपल इकट्ठा करने और कैनाडार्म2 रोबोटिक आर्म के लिए एक स्पेयर एल्बो जॉइंट तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। 

सुनीता की धरती पर वापसी स्थगित कर दी गई है। यह पहले फरवरी 2025 में SpaceX ड्रैगन कैप्सूल से होने वाली थी। SpaceX क्रू 10 का लॉन्च अब मार्च 2025 के आखिर में होगा। इससे अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। सुनीता और विल्मोर का मिशन लंबा हो गया है, क्योंकि बोइंग के स्टारलाइनर को इंसानों के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। इस अनपेक्षित बदलाव के कारण उनका आठ दिनों का ISS प्रवास दस महीनों के मिशन में बदल गया है। 

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