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पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा पहले से मजबूत संबंधों को और ताकत देगी

भारत की तेज आर्थिक वृद्धि इस बढ़ते सहयोग को और समर्थन देती है। भारतीय अर्थव्यवस्था के 2024 में 6.5% बढ़ने का अनुमान है। भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक हॉटस्पॉट बन गया है, खासकर तकनीक और फिनटेक क्षेत्रों में।

हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका ने कई क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार किया है, इनमें तकनीक और रक्षा क्षेत्र में साझेदारी अहम है। / @pib

राजेश मेहता और आदित्य विजयवर्गीय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की होने वाली अमेरिका यात्रा भारत और अमेरिका के बीच पहले से ही मजबूत रिश्ते को और मजबूती प्रदान करेगी। खासकर तकनीक और रक्षा के क्षेत्र में। इस बढ़ते सहयोग के केंद्र में हैं प्रवासी भारतीय हैं। यह 4.2 मिलियन से ज्यादा लोगों का समुदाय है। इनका योगदान राजनयिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण रहा है। 22 सितंबर को मोदी न्यू यॉर्क में 'मोदी एंड US प्रोग्रेस टुगेदर' नाम के एक बड़े कार्यक्रम में 24,000 से अधिक भारतीय-अमेरिकियों को संबोधित करेंगे।

हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका ने कई क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार किया है, इनमें तकनीक और रक्षा क्षेत्र में साझेदारी अहम है। भारत द्वारा अमेरिका से 30 MQ-9B ड्रोन खरीदने का आगामी सौदा रक्षा सहयोग के महत्व को रेखांकित करता है। यह सहयोग पारंपरिक सैन्य खरीद से बहुत आगे बढ़ गया है। अब दोनों देश अनमैन्ड सिस्टम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और साइबर सुरक्षा जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का संयुक्त रूप से विकास कर रहे हैं। इन इनोवेशन में वैश्विक सुरक्षा ढांचे को नया रूप देने और अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग के लिए नए मानक स्थापित करने की क्षमता है।

AI इस साझेदारी का मुख्य आधार बनकर उभर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने हाल ही में तकनीकी विभाजन को रोकने के लिए AI नियमों पर भारत और अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर जोर दिया है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने इस भावना को दोहराते हुए AI के विकास में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया है। पिचाई ने कहा, 'जैसे-जैसे हम AI के साथ अधिक प्रगति करते हैं, हमें जिम्मेदारी से AI सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में विविध दृष्टिकोणों को लाना चाहिए, जिसमें सामाजिक वैज्ञानिक भी शामिल हैं।'

यह सहयोग न केवल इनोवेशन को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों में सभी क्षेत्रों में विकास को भी सुनिश्चित करेगा। भारत की विशाल प्रतिमा पूल, अमेरिकी विशेषज्ञता के साथ मिलकर दोनों देशों को वैश्विक AI क्रांति का नेतृत्व करने के लिए तैयार करता है। इसका स्वास्थ्य सेवा, साइबर सुरक्षा और डिजिटल बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ेगा। AI शासन और नैतिकता पर सहयोग करके अमेरिका और भारत यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि AI के लाभ समान रूप से उठाया जाए। साथ ही नैतिकता और इनोवेशन की चुनौतियों का समाधान भी हो।

भारतीय प्रवासी समुदाय ने दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय पेशेवरों (जो H-1B वीजा धारकों का लगभग 74% हैं) ने अमेरिका की तकनीकी वर्कफोर्स में अहम योगदान दिया है। इससे इनोवेशन, उद्यमिता और नॉलेज एक्सचेंज को बढ़ावा मिला है। भारतीय प्रवासियों का प्रभाव व्यापार से आगे निकल चुका है। वे उन नीतियों और सांस्कृतिक संबंधों को आकार देते हैं जो भारत और अमेरिका के बीच गहरे सहयोग का समर्थन करते हैं।

जैसे-जैसे अमेरिका अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाने और चीन पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है, भारत एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभरा है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, मजबूत प्रतिभा पूल, मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी पर बढ़ते ध्यान के साथ भारत अमेरिकी व्यवसायों के लिए एक रणनीतिक अवसर प्रदान करता है। देश का लोकतांत्रिक ढांचा, प्रतिस्पर्धी श्रम लागत और 'मेक इन इंडिया' जैसी सरकारी पहल इसे निवेश के लिए एक आकर्षक जगह बनाती हैं। अमेरिका-भारत आर्थिक संबंधों को मजबूत करने से चीन पर अत्यधिक निर्भरता से जुड़े जोखिमों को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही ग्लोबल सप्लाई चेन की लचीलापन को भी बढ़ावा मिल सकता है।

भारत की तेज आर्थिक वृद्धि इस बढ़ते सहयोग को और समर्थन देती है। भारतीय अर्थव्यवस्था के 2024 में 6.5% बढ़ने का अनुमान है। भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक हॉटस्पॉट बन गया है, खासकर तकनीक और फिनटेक क्षेत्रों में। अमेरिकी कंपनियां भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल परिदृश्य में महत्वपूर्ण निवेश कर रही हैं, जो भारत को अगली पीढ़ी की तकनीकों में ग्लोबल लीडर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

अंतरिक्ष सहयोग इस साझेदारी का एक और बढ़ता हुआ पहलू है। हाल ही में लॉन्च किया गया TSAT-1A उपग्रह, जो अमेरिका में स्थित Satellogic और भारत की टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) के बीच सहयोग का परिणाम है, रक्षा संबंधित अंतरिक्ष सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील पत्थर है। यह उपग्रह महत्वपूर्ण रक्षा एप्लिकेशन प्रदान करता है। इसमें इमेजरी इंटेलिजेंस शामिल है। इससे महत्वपूर्ण डेटा के लिए भारत की बाहरी सोर्स पर निर्भरता कम हो रही है। यह परियोजना न केवल दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करती है, बल्कि अंतरिक्ष तकनीक में भविष्य के संयुक्त उद्यमों के लिए मंच भी तैयार करती है। TSAT-1A लॉन्च अंतरिक्ष में व्यापक रणनीतिक सहयोग के अनुरूप है, जो NISAR मिशन जैसे पिछली पहलों पर बना है।

अंतरिक्ष और तकनीक में यह सहयोग में वाणिज्यिक संभावना भी महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के संयुक्त उद्यम निजी क्षेत्र की साझेदारियों की सफलता को प्रदर्शित करते हैं और रक्षा संबंधित अंतरिक्ष तकनीकों में आगे सहयोग के लिए द्वार खोलते हैं। इसके साथ ही संभावित रूप से अंतरिक्ष सुरक्षा में वैश्विक मानकों को परिवर्तित करते हैं।

रक्षा के अलावा, भारत और अमेरिका स्वास्थ्य सेवा, साइबर सुरक्षा और डिजिटल बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में प्रगति का सह-नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। इस सहयोग की ताकत दोनों देशों की एक दूसरे के लिए सहयोगी क्षमताओं में निहित है। भारत का तेजी से बढ़ता डिजिटल बुनियादी ढांचा और तकनीकी प्रतिभा, अमेरिका के AI अनुसंधान और इनोवेशन में नेतृत्व के साथ मिला हुआ है।

हालांकि, इन सहयोगों की सफलता केवल सरकारी समझौतों पर निर्भर नहीं करती है। भारतीय प्रवासी समुदाय दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का प्रतिनिधित्व करते हुए इस सहयोग को आगे बढ़ाते रहेंगे। अमेरिकी उद्योग, संस्कृति और नीति निर्माण में उनका योगदान यह सुनिश्चित करता है कि जैसे-जैसे तकनीकी प्रगति तेज होगी, दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होगा।

निष्कर्ष में, अमेरिका-भारत सहयोग महज एक द्विपक्षीय संबंध से कहीं आगे है। यह एक गतिशील गठबंधन है जो ग्लोबल इनोवेशन और सुरक्षा के भविष्य को आकार देगा। जैसे-जैसे भारत वैश्विक तकनीकी शक्ति के रूप में उभर रहा है, अमेरिका इसका सबसे महत्वपूर्ण साझेदार बना रहेगा। साथ मिलकर दोनों देश लोकतंत्र दुनिया को एक उज्जवल, अधिक समृद्ध भविष्य में ले जाने के लिए तैयार हैं। यह साझा मूल्यों, इनोवेशन और तकनीकी सहयोग के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों को हल करने की प्रतिबद्धता से प्रेरित है।

राजेश मेहता अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ हैं जो मार्केट इंट्री, इनोवेशन और सार्वजनिक नीति जैसे क्षेत्रों पर काम करते हैं। आदित्य विजयवर्गीय एक दूरदर्शी तकनीकी लीडर और Unada Labs के CTO हैं, जो AI, AR, और NLP में प्रगति का नेतृत्व करते हैं।

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