टेक्सस विधानसभा में एक ऐसा बिल पेश किया गया है जो हिंदू पुजारियों, मुस्लिम इमाम, बौद्ध भिक्षु और सिख ग्रंथी को विवाह की औपचारिक शक्तियां देता है। नए विधेयक का उद्देश्य राज्य में विवाह समारोह आयोजित करने के लिए अधिकृत व्यक्तियों की सूची को व्यापक बनाना है। इसमें विभिन्न धर्मों के पुजारियों को शामिल किया गया है। अगर बिल पास हो जाता है तो विवाह कराने वाले अधिकृत लोगों का दायरा बढ़ जाएगा।
वर्तमान कानून केवल ईसाई पुजारियों और यहूदी रब्बियों को राज्य में विवाह संपन्न कराने के लिए अधिकृत करता है। हाउस बिल 1044 (एचबी 1044) यूलेस में निर्वाचित पद संभालने वाले पहले मुस्लिम अमेरिकी प्रतिनिधि सलमान भोजानी द्वारा पेश किया गया है। यह बिल अधिकृत पदाधिकारियों की सूची में अधिक विविध धार्मिक हस्तियों को शामिल करने के लिए परिवार संहिता को अपडेट करने का प्रयास है।
नया विधेयक बौद्ध भिक्षु या पुजारी, हिंदू पंडित, मुस्लिम इमाम और सिख ग्रंथी को समान दर्जा (विवाह कराने का) देकर इस प्रावधान में संशोधन करना चाहता है। इसे राज्य के विविध धार्मिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को विस्तारित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
यदि पारित हो जाता है तो HB 1044 सितंबर 2025 की पहली तारीख से से प्रभावी होगा और उस तिथि के बाद आयोजित सभी विवाह समारोहों पर लागू होगा। विधेयक को अपनी समावेशिता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता के लिए व्यापक समर्थन मिला है।
स्टेट एटलस के अनुसार, टेक्सस के लगभग 2 प्रतिशत निवासी बौद्ध, मुस्लिम, हिंदू, सिख या अन्य के रूप में अपनी पहचान रखते हैं। अमेरिका में लगभग 44.5 लाख लोगों के साथ इस्लाम तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। इसके बाद लगभग 33.7 लाख लोगों के साथ हिंदू धर्म और लगभग 13 लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म के उपासक है।
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