भारत के सात रेस्टोरेंट्स को साल 2024 के दुनिया के 100 सबसे प्रतिष्ठित रेस्तरांओं की TasteAtlas सूची में जगह मिली है। यह दिखाता है कि भारतीय खान-पान ने दुनिया भर में लोगों को किस कदर दीवाना बना रखा है।
आइए बताते हैं उन रेस्तराओं के बारे में जो इस लिस्ट के मुताबिक, विविध भारतीय व्यंजनों के स्वाद को दर्शाते हैं:
पैरागॉन, कोझिकोड (5वां स्थान)
अपनी बिरयानी के लिए प्रसिद्ध पैरागॉन रेस्तरां की स्थापना 1939 में हुई थी। तभी से यह केरल की उत्कृष्ट पाक कला का स्वाद पेश कर रहा है, जिसे चखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं।
पीटर कैट, कोलकाता (7वां स्थान)
कोलकाता के पीटर कैट रेस्तरां अपने चेलो कबाब के लिए मशहूर है। शहर के बीच में स्थित इस रेस्तरां की स्थापना 1975 में हुई थी। यह अपनी इस सिग्नेचर डिश की 100 से अधिक प्लेटें रोजाना परोसता है।
अमरीक सुखदेव, मुरथल (13वां स्थान)
1956 में ट्रक ड्राइवरों को खान-पान की सुविधा देने के लिए शुरु हुआ ये ढाबा अब एक पाक संस्थान बन चुका है। ये अपने आलू के पराठे के लिए चर्चित है। अमरीक सुखदेव में अब विभिन्न प्रकार के भारतीय व्यंजन मिलते हैं।
करीम, दिल्ली (59वां स्थान)
पुरानी दिल्ली का करीम रेस्तरां 1913 से मुगलई व्यंजनों का पर्याय बन चुका है। इसका कोरमा एक सिग्नेचर डिश है जो पर्यटकों को ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों को भी अपनी ऐतिहासिक गलियों में अनोखे स्वाद के लिए आकर्षित करता है।
सेंट्रल टिफिन रूम, बेंगलुरु (69वां स्थान)
1920 के दशक से बेंगलुरु का क्लासिक सेंट्रल टिफिन रूम (सीटीआर) रेस्तरां अपने बेन्ने मसाला डोसा के लिए प्रसिद्ध है। यह किफायती भोजनालय अपने प्रामाणिक दक्षिण भारतीय व्यंजनों से लोगों का दिल खुश कर देता है।
गुलाटी, दिल्ली (77वां स्थान)
1959 में स्थापित गुलाटी रेस्तरां दिल्ली में मुगलई व्यंजनों का प्रमुख केंद्र है। अन्य व्यंजनों के अलावा इसका बटर चिकन कई पीढ़ियों के लोगों का पसंदीदा बना हुआ है।
राम आश्रय, मुंबई (78वां स्थान)
1939 से संचालित राम आश्रय मुंबई में दक्षिण भारतीय व्यंजनों का प्रमुख रेस्तरां हैं। इसके उपमा और अन्य व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए रोजाना लंबी कतारें लगती हैं। यह मुंबई की जीवंत फूड कल्चर का प्रतीक बन चुका है।
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