साल 2025 की प्रतिष्ठित रोड्स स्कॉलरशिप के लिए पांच भारतीय विद्यार्थियों का चयन किया गया है। ये अक्टूबर 2025 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जाएंगो और ग्लोबल स्कॉलर्स के ग्रुप के साथ मिलकर आगे काम करेंगे।
रोड्स स्कॉलरशिप दुनिया में सबसे सम्मानित शैक्षणिक सम्मानों में से एक है। यह लीडरशिप के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाने वाले और कुछ अलग करके दिखाने वाले स्टूडेंट्स को प्रदान की जाती है। 2025 की स्कॉलरशिप के लिए चुने गए विद्यार्थी इस प्रकार हैं-
रायन चक्रवर्ती
रायन चक्रवर्ती एक शिक्षाविद, कवि और अनुवादक हैं। उनका कार्य मेमोरी स्टडीज, क्रिटिकल हेरिटेज और एंथ्रोपोलोजी पर केंद्रित है। वह दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में आर्ट्स एंड एस्थेटिक्स में मास्टर्स कर रहे हैं। उन्होंने दिल्ली के ही सेंट स्टीफंस कॉलेज से साहित्य में डिग्री ली हैं। रेयान का उद्देश्य दक्षिण एशिया में कोविड महामारी के प्रभाव पर एक आर्काइव और म्यूजियम स्थापित करना है।
विभा स्वामीनाथन
नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी में कानून की छात्रा विभा स्वामीनाथन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में बीए (ऑनर्स) किया है। विभा का शोध नागरिकता कानूनों में गरीबी, लिंग, धर्म और भाषा की भूमिका पर केंद्रित है। वह सिटिजनशिप लिटिगेशन और मानवाधिकारों से जुड़े विषयों में सक्रिय रही हैं। ऑक्सफोर्ड में वह अपराध विज्ञान, शरणार्थी अध्ययन और सार्वजनिक कानून के साथ नागरिकता निर्धारण की प्रक्रियाओं में कानूनी अनिश्चितताओं की पड़ताल करेंगी।
अवनीश वत्स
रांची के रहने वाले अवनीश वत्स ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से फिलॉसफी में ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने झारखंड में विकलांगों की शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर शोध किया है। अवनीश एक कुशल तबला वादक और फिल्म निर्माता भी हैं और अकादमिक रुचि रखते है। वह फिलॉसफी को विकलांग लोगों के लिए सुलभ बनाने में जुटे हैं।
शुभम नरवाल
शुभम बरेली के इंडियन वेटरिनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट में वेटरिनरी साइंस एंड एनिमल हस्बैंडरी में बैचलर की पढ़ाई कर रहे हैं। वह प्रकृति संरक्षण को लेकर काफी सक्रिय हैं। वह लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण के तरीकों का पता लगाने के लिए ऑक्सफोर्ड में क्लिनिकल एम्ब्रायोलॉजी की पढ़ाई करने की तैयारी कर रहे हैं। शुभम को बास्केटबॉल और हैरी पॉटर की कहानियों से काफी लगाव है।
पाल अग्रवाल
आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग फिजिक्स में बीटेक कर रहीं पाल अग्रवाल को एस्ट्रोफिजिक्स, मैथ्स और डेटा साइंस का शौक है। वह नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर और नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर काम कर चुकी हैं। अब वह ऑक्सफोर्ड में एस्ट्रोफिजिक्स में डीफिल करना चाहती हैं। पाल का सपना अंतरिक्ष यात्री बनने का है।
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