डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल की शुरुआत एक बड़े व्यापार युद्ध और कूटनीतिक संकट के साथ करने की धमकी दी है। उन्होंने चीन, कनाडा और मैक्सिको से मांग की है कि वे अमेरिका में अवैध आव्रजन और नशीली दवाओं की तस्करी बंद करें या दंडात्मक अमेरिकी आयात शुल्क का सामना करने के लिए तैयार रहें। इसे फिलहाल भारत के लिए राहत की खबर कही जा सकती है।
सोमवार देर शाम अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कई पोस्टों में, नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प ने चेतावनी दी कि जिस दिन वह पदभार ग्रहण करेंगे, उसी दिन वे अमेरिका के शीर्ष तीन व्यापारिक साझेदारों पर व्यापार बाधाएं लगा देंगे।
चीन, कनाडा और मैक्सिको ने क्या कहा
चीन ने मंगलवार को मामले में तुरंत जवाब दिया कि "व्यापार युद्ध में कोई भी जीत नहीं पाएगा", जबकि मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने कहा कि टैरिफ "स्वीकार्य नहीं" हैं और यह आव्रजन और नशीली दवाओं की समस्याओं को हल करने का कोई तरीका नहीं है।
उधर, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को कहा कि चौंकाने वाली टैरिफ घोषणा के बाद डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी “अच्छी” बातचीत हुई। ट्रूडो ने ओटावा में संवाददाताओं से कहा, “हमने इस बारे में बात की कि हमारे दोनों देशों के बीच कैसे गहन और प्रभावी संबंध आगे-पीछे होते रहते हैं।” उन्होंने कहा, "हमने कुछ चुनौतियों के बारे में बात की, जिन पर हम मिलकर काम कर सकते हैं। यह एक अच्छी बातचीत थी।"
ट्रम्प के संकेतों को समझिए
ट्रम्प के पोस्ट से संकेत मिलता है कि वह अपने पहले राष्ट्रपति काल की शैली पर तुरंत लौटने का इरादा रखते हैं। यदि ये टैरिफ लागू हो गए तो इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न हो जाएगा, अमेरिका के प्रतिद्वंद्वी चीन के साथ तनाव बढ़ जाएगा तथा अमेरिका के दो बड़े पड़ोसियों के साथ संबंध बिगड़ जाएंगे।
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