अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ब्रिक्स देशों को धमकी दे दी है कि यदि वे अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने वाला रुख अपनाएंगे तो उनके ऊपर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। ब्रिक्स में भारत भी शामिल है।
ट्रम्प ने अपनी ट्रुथ सोशल वेबसाइट पर ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका और अन्य देशों के समूह ब्रिक्स का जिक्र करते हुए लिखा कि हमें एक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है... वे न तो नई ब्रिक्स करंसी बनाएंगे और न ही ताकतवर अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य करंसी का सपोर्ट करेंगे।
ट्रम्प का यह बयान पिछले महीने रूस के कज़ान शहर में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद आया है। वहां पर ब्रिक्स देशों ने बिना डॉलर के लेनदेन बढ़ाने और स्थानीय मुद्राओं को मजबूत करने पर चर्चा की थी।
2009 में स्थापना के बाद से ब्रिक्स समूह का काफी विस्तार हुआ है। अब इसमें ईरान, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश भी शामिल हैं। कुल मिलाकर ब्रिक्स गठबंधन अब दुनिया के आर्थिक उत्पादन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
अक्टूबर में कज़ान शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के अंदर मजबूत बैंकिंग नेटवर्क बनाने और स्थानीय मुद्राओं में लेनदेन को सक्षम बनाने पर सहमति जताई गई थी। हालांकि सम्मेलन के अंत में पुतिन ने संकेतों में कहा था कि बेल्जियम की स्विफ्ट वित्तीय संदेश प्रणाली का विकल्प तैयार करने पर बहुत कम प्रगति हुई है।
पुतिन ने संवाददाताओं से कहा था कि स्विफ्ट या किसी भी अन्य विकल्प के लिए हमने कोई नया विकल्प नहीं बनाया है और न ही बना रहे हैं। जहां तक एकीकृत ब्रिक्स करंसी का सवाल है तो फिलहाल हम इस पर विचार नहीं कर रहे हैं।
बता दें कि ट्रम्प ने संरक्षणवादी एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए पड़ोसियों और प्रतिद्वंद्वी देशों पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने साफ कहा है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी योजना को आगे बढ़ाते हैं तो उन्हें अमेरिका में अपना सामान बेचने की बात को भूल जाना चाहिए।
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