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H-1B वीजा और कानूनी प्रवासन के लिए ट्रम्प घुमाएंगे जादू की छड़ी!

कुशल प्रवासन के पक्ष में मेरी आशा इस सरल आधार पर उपजी है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प हमेशा यथास्थिति को चुनौती देना चाहते हैं और इसी की H-1 वीजा कार्यक्रम और ग्रीन कार्ड आवंटन मॉडल को आवश्यकता है।

सांकेतिक तस्वीर / Image : NIA
  • कार्तिक रंगराजन 

बीते दो महीनों में और राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की नवंबर में हुई चुनावी जीत के बाद से H-1B वीजा कार्यक्रम के भविष्य और ग्रीन कार्ड बैकलॉग में प्रतीक्षा पर कानूनी रूप से कुशल आप्रवासियों के भविष्य पर खासी चर्चा हुई है। सोशल मीडिया पर भ्रमित करने वाले संदेशों का खूब आदान-प्रदान हुआ और X पर MAGA समर्थकों के बीच एक तीखी बहस छिड़ गई। यह सब कई दिन चला। लोगों ने MAGA कैंप में H-1B वीजा कार्यक्रम के पक्ष-विपक्ष के तथ्यों और आंकड़ों पर विस्तार से चर्चा की। इसमें गंभीर नस्लीय भावनाओं से भरे कुछ H-1B विरोधी बयान भी शामिल थे, जो निंदनीय हैं।

पिछले दशक में H-1B एक बहुत ही विवादास्पद विषय बन गया है। लेकिन वीजा कार्यक्रम के अस्तित्व से सहमत या असहमत हर कोई इस कार्यक्रम में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद करता है और अमेरिकी श्रमिकों और अस्थायी गैर-आप्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा की आस लगाता है। 

अनेक आशंकाओं के बावजूद राष्ट्रपति ट्रम्प के अगले चार वर्षों में भी काफी उम्मीदें हैं क्योंकि उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिकी नौकरी बाजार को कुशल STEM श्रमिकों की भारी आवश्यकता है जो कानूनी रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में आने और अध्ययन/कार्य करने का इरादा रखते हैं।

कुशल प्रवासन के पक्ष में मेरी आशा इस सरल आधार पर उत्पन्न होती है कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रम्प हमेशा यथास्थिति को चुनौती देना चाहते हैं जिसकी H1 वीजा कार्यक्रम और ग्रीन कार्ड आवंटन मॉडल को आवश्यकता है। अपनी शिक्षा और अनुभव की जांच के बाद मुश्किल से 14% को ग्रीन कार्ड मिल पाता है। 86% पर ऐसा कोई चेक ही नहीं है।

यथास्थिति के प्रति उनकी चुनौती के परिणामस्वरूप दशकों पुराने बैकलॉग में फंसे भारतीय मूल के लगभग 300,000 लोगों को ग्रीन कार्ड दिए गए थे। OECD देशों के बीच सेंटर फॉर सिक्योरिटी द्वारा 2020 में किए गए डेटा कैप्चर और एनालिटिक्स के अनुसार उभरती प्रौद्योगिकी (CSET), STEM डिग्री में स्नातक कुल छात्रों का केवल 20% हैं, जिसमें अमेरिकी विश्वविद्यालयों से सालाना 800,000 छात्र निकलते हैं। इसके विपरीत चीन 3.5 मिलियन छात्रों के साथ 41% और भारत 2.55 मिलियन वार्षिक STEM स्नातकों के साथ 30% पर है। 

कानूनी आप्रवासन में सुधार
जब ट्रम्प अपने निर्णय लेने में इस तरह के आंकड़ों पर उचित विचार के साथ हालात बदलने के लिए कुछ करते हैं तो इससे उम्मीद बंधती है कि कानूनी आप्रवासन की राहें आसान होंगी। क्योंकि अंतराल को भरने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए दुनिया के किसी भी हिस्से से आने वाले कुशल प्रवासियों की आवश्यकता होगी। 

अमेरिका में स्कूली छात्रों को अपने करियर के लिए STEM शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए प्राथमिकता और मजबूत प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए क्योंकि सालाना 20% स्नातक उन बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने में ज्यादा मदद नहीं करेंगे जिन्हें हासिल करने के लिए अमेरिका ने अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। खासकर स्थानीय क्षमता के मद्देनजर। 

H-1B कार्यक्रम में सुधार, शोषण से बचने के लिए कड़े उपाय करना और नौकरी की गतिशीलता में सुधार के साथ-साथ ग्रीन कार्ड आवंटन और श्रेणियों में महत्वपूर्ण बदलाव आगामी प्रशासन में महत्वपूर्ण होंगे। हमें पूरी उम्मीद है कि डोनल्ड ट्रंप इसे सख्ती से आगे बढ़ाएंगे। उनके राष्ट्रपति पद की बड़ी सफलता की कामना है। 

(कार्तिक रंगराजन वर्जीनिया स्थित टेक उद्यमी हैं)

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